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बारुईपुर में नवनिर्मित सुधार गृह 250 करोड़ से बना

locationकोलकाताPublished: Nov 14, 2018 10:27:14 pm

Submitted by:

Nirmal Mishra

सीएम ने नवान्न से किया जेल का उद्घाटन
– कमालगाजी नरेन्द्रपुर और जयनगर बकुलतल्ला थाना भी शुरू

kolkata

बारुईपुर में नवनिर्मित सुधार गृह 250 करोड़ से बना

कोलकाता. अलीपुर सेंट्रल जेल के सभी कैदियों को शिफ्ट करने के लिए दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर में नवनिर्मित सुधार गृह बनाया गया है। इसके निर्माण में पश्चिम बंगाल सरकार ने 250 करोड़ रुपए खर्च किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार सुबह राज्य सचिवालय नवान्न से बारूईपुर संशोधनागार का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विधानसभा के स्पीकर विमान बंद्योपाध्याय व राज्य के कारा मंत्री उज्जवल विश्वास मौजूद रहे। ममता बनर्जी ने कमालगाजी नरेन्द्रपुर थाना व जयनगर बकुलतल्ला थाने का भी उद्घाटन किया। नरेन्द्रपुर विधायक फिरदौसी बेगम व बकूलतल्ला के विधायक विश्वनाथ दास भी मौजूद रहे। अलीपुर सेंट्रल जेल से 50 सजाप्राप्त कैदियों को बारूईपुर संशोधनागार में पहले भेजा जाएगा। यह दो मंजिला इमारत वाली जेल है। इसमें नए तरीके के डायनिंग रूम और जेल के वार्ड बनाए गए हैं। इसमें कैदियों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा और किसी भी तरह की प्रतिबंधित चीजों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
इस जेल में 2200 कैदियों के रहने की व्यवस्था है। जबकि अलीपुर सेंट्रल जेल में 1800 केदियों के ही रहने की व्यवस्था है। प्रथम चरण में 850 कैदियों को यहां रखा जाएगा। अगले साल जून में यहां अन्य कैदियों को भी लाया जाएगा। दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल के इतिहास में पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इसमें विशेष तौर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके जरिए जेल के चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा सकती है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सर्विलेंस की व्यवस्था की गई है, ताकि कैदियों की प्रत्येक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
अलीपुर सेंट्रल जेल कोलकाता के बिल्कुल मध्य में है और उसके एक तरफ नाला तथा दूसरी ओर घनी बस्ती तथा भारी यातायात होने की वजह से बड़ी संख्या में मोबाइल, गांजा, चरस, अफीम, शराब आदि प्रतिबंधित चीजों की तस्करी होती रही है। इस जेल में अमरीकन सेंटर हमले का मास्टरमाइंड अफताब अंसारी बंद था। इसके सेल से 03 मोबाइल फोन और 33 सिम कार्ड बरामद किए गए थे। जांच में पता चला था कि जेल में बैठकर ही वह पाकिस्तान में आतंकियों से लगातार बात करता था। इसी तरह से 4 महीने पहले जेल अस्पताल में काम करने वाले चिकित्सक अमिताभ चौधरी को गिरफ्तार किया गया था। इसके पास से 30 मोबाइल फोन, 28 चार्जर, 5 किलो गांजा जब्त किया गया था।
वह जेल अस्पताल में चिकित्सक था इसलिए उसकी सुरक्षा जांच नहीं होती थी और इसका लाभ उठाकर वह लगातार कैदियों तक प्रतिबंधित चीजों को पहुंचाता रहता था। जेल प्रबंधन की लाख सख्ती के बावजूद यहां कैदियों के बीच गैर कानूनी प्रतिबंधित चीजों की तस्करी नहीं रूक रही थी। इसके अलावा जेल की इमारत भी काफी पुरानी हो चुकी थी और निगरानी संबंधित व्यवस्थाएं भी प्राचीन थीं। इसे अत्याधुनिक करने में काफी खर्च लगता। इसको ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने जेल को दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर में शिफ्ट करने का निर्णय किया था। दो मंजिला इमारत वाली यह जेल बनकर तैयार हो गई है। जल्द ही इस में कैदियों को शिफ्ट करने का कार्य शुरू किया जाएगा।
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