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फोन कॉल से मिला सुराग वारदात के बाद जाकिर ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था। इसलिए पुलिस को उसका सुराग नहीं मिल रहा था। एक दिन जाकिर ने दूसरे नम्बर से एक माकपा नेता को फोन किया था। उस समय वह मुम्बई में था। उसके माध्यम से पुलिस को जाकिर का सुराग मिला। पता चला कि वह अजमेर जा रहा है। पुलिस की विशेष टीम अजमेर पहुंची। गहन छानबीन के बाद शनिवार दोपहर उसे दबोच लिया।
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फोन कॉल से मिला सुराग वारदात के बाद जाकिर ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था। इसलिए पुलिस को उसका सुराग नहीं मिल रहा था। एक दिन जाकिर ने दूसरे नम्बर से एक माकपा नेता को फोन किया था। उस समय वह मुम्बई में था। उसके माध्यम से पुलिस को जाकिर का सुराग मिला। पता चला कि वह अजमेर जा रहा है। पुलिस की विशेष टीम अजमेर पहुंची। गहन छानबीन के बाद शनिवार दोपहर उसे दबोच लिया।
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शहाबु²ीन की तलाश तेज
पुलिस के अनुसार पूछताछ में जाकिर ने बताया है कि स्थानीय अपराधी शहाबु²ीन ने हमले की साजिश रची थी। शहाबु²ीन के कहने पर ही उसने दलबल के साथ तृणमूल समर्थकों पर हमला किया था। पुलिस ने शहाबु²ीन की तलाश तेज कर दी है। मामले में अब तक तीस से अधिक आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
पुलिस के अनुसार पूछताछ में जाकिर ने बताया है कि स्थानीय अपराधी शहाबु²ीन ने हमले की साजिश रची थी। शहाबु²ीन के कहने पर ही उसने दलबल के साथ तृणमूल समर्थकों पर हमला किया था। पुलिस ने शहाबु²ीन की तलाश तेज कर दी है। मामले में अब तक तीस से अधिक आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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आमडांगा में खूनी राजनीतिक हिंसा आमडांगा की ताड़बेरिया पंचायत में बोर्ड गठन को लेकर गत 31 अगस्त को माकपा और तृणमूल समर्थकों के बीच गोलीबारी हुई थी। घटना के दिन कु²ुस गनी और नासिर हल्दर नामक तृणमूल कांग्रेस के दो एवं मुजफ्फर अहमद नामक माकपा के एक समर्थक की मौत हुई थी। तीन जने की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। सत्तार मंडल नामक एक जने की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी।
आमडांगा में खूनी राजनीतिक हिंसा आमडांगा की ताड़बेरिया पंचायत में बोर्ड गठन को लेकर गत 31 अगस्त को माकपा और तृणमूल समर्थकों के बीच गोलीबारी हुई थी। घटना के दिन कु²ुस गनी और नासिर हल्दर नामक तृणमूल कांग्रेस के दो एवं मुजफ्फर अहमद नामक माकपा के एक समर्थक की मौत हुई थी। तीन जने की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। सत्तार मंडल नामक एक जने की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी।