———————————————————————– सालबनी से कारतूस और माओवादी पोस्टर बरामद – पुलिया के नीचे से सीआरपीएफ के जवानों ने बरामद किया
कोलकाता. पश्चिम मिदनापुर जिले के सालबनी इलाके में एक पुलिया के नीचे से सीआरपीएफ के जवानों ने शुक्रवार को 8 एमएम पिस्तौल के 13 कारतूस बरामद किए। सुबह रूटीन चेकिंग के दौरान सीआरपीएफ के जवानों को जंगल से गुजरने वाली सडक़ की पुलिया के नीचे मिट्टी खुदी हुई दिखी। जवानों को संदेह हुआ। फिर बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया। बम विशेषज्ञों ने मिट्टी खोदी तो एक टिफिन बॉक्स मिला। टिफिन बॉक्स को देख शुरू में आनुमान लगाया गया कि वह बारुदी सुरंग है, लेकिन बॉक्स में 8 एमएम पिस्टल के 8 कारतूस थे। फिर वहां से थोड़ी दूर से और पांच कारतूस तथा माओवादी पोस्टर मिले। सूत्रों के अनुसार सादे रंग के पोस्टर पर लाल रंग के स्याही से सरकार के खिलाफ नारे लिखे हुए हैं। नीचे एन.सी.सी. और सी.पी.ओ.आई. लिखा है। जिला पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। लोगों का मानना है कि माओवादी फिर जंगलमहल में सक्रिय हो रहे हैं। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इलाके में दहशत फैलाने की नीयत से भाजपा समर्थको ने पुलिया के नीचे कारतूस और फर्जी माओवादी पोस्टर रखे थे। जिला भाजपा इकाई ने आरोप को झूठा बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि उक्त घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
कोलकाता. पश्चिम मिदनापुर जिले के सालबनी इलाके में एक पुलिया के नीचे से सीआरपीएफ के जवानों ने शुक्रवार को 8 एमएम पिस्तौल के 13 कारतूस बरामद किए। सुबह रूटीन चेकिंग के दौरान सीआरपीएफ के जवानों को जंगल से गुजरने वाली सडक़ की पुलिया के नीचे मिट्टी खुदी हुई दिखी। जवानों को संदेह हुआ। फिर बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया। बम विशेषज्ञों ने मिट्टी खोदी तो एक टिफिन बॉक्स मिला। टिफिन बॉक्स को देख शुरू में आनुमान लगाया गया कि वह बारुदी सुरंग है, लेकिन बॉक्स में 8 एमएम पिस्टल के 8 कारतूस थे। फिर वहां से थोड़ी दूर से और पांच कारतूस तथा माओवादी पोस्टर मिले। सूत्रों के अनुसार सादे रंग के पोस्टर पर लाल रंग के स्याही से सरकार के खिलाफ नारे लिखे हुए हैं। नीचे एन.सी.सी. और सी.पी.ओ.आई. लिखा है। जिला पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। लोगों का मानना है कि माओवादी फिर जंगलमहल में सक्रिय हो रहे हैं। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इलाके में दहशत फैलाने की नीयत से भाजपा समर्थको ने पुलिया के नीचे कारतूस और फर्जी माओवादी पोस्टर रखे थे। जिला भाजपा इकाई ने आरोप को झूठा बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि उक्त घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।