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‘हथियारों से शांति की कल्पना बारूद के ढेर पर बैठने के समान’

locationकोलकाताPublished: Sep 22, 2018 10:16:40 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

महावीर सदन में मुनि कमलेश की जनसभा

kolkata

‘हथियारों से शांति की कल्पना बारूद के ढेर पर बैठने के समान’


कोलकाता. जैसे आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता, वैसे ही हिंसा से हिंसा 3 काल में भी समाप्त नहीं की जा सकती। हथियारों से विश्व शांति की कल्पना बारूद के ढेर पर बैठने के समान है। आत्मरक्षा या राष्ट्ररक्षा किसी भी नाम से अस्त्र-शस्त्रों का एकत्रित करना महाविनाश को बुलाने के समान है, क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध का ज्वलंत उदाहरण हमारे सामने है। अहिंसा की महाशक्ति ही विश्व को विनाश से बचा सकती है। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने महावीर सदन में शुक्रवार को आचार्य जयमल की जयंती पर जनसभा को संबोधित करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए। मुनि ने कहा कि खतरनाक रासायनिक हथियारों, अणु और परमाणु बमों की धमकी देने वाले इसके कुप्रभाव से वंचित नहीं रह सकते यदि उस महाविनाश में संपूर्ण मानव समाज उसके भेंट चढ़ गई। हिंसा का अर्थ तबाही और महज बर्बादी है और कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि नादान लोगों के हाथ में यदि हथियारों का जखीरा आ गया तो भयावह स्थिति होगी। अगर विश्व को महाविनाश से बचाना है तो महाशक्तियों को हथियारों की होड़ समाप्त करनी होगी और निशस्त्रीकरण तत्काल प्रभाव से लागू होना चाहिए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से विनाशकारी भंडारों को नष्ट करने में पहल करने पर जोर देते हुए कहा कि छोटे-छोटे राष्ट्र मजबूरी में न चाहते हुए भी हथियारों की होड़ में लगे हैं। यदि यही पैसा शिक्षा, चिकित्सा, गरीबी उन्मूलन में लगाया जाए तो धरती स्वर्ग हो सकती है। जैन संत ने कहा कि पूरा विश्व आज अशांत, भय और खौफ में जी रहा है। शारीरिक और मानसिक रोगों की वृद्धि इसका मुख्य कारण है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेन्स, नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल चोपड़ा ने कहा कि हथियारों से नहीं सात्विक विचारों से विश्व शांति की स्थापना संभव है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बालचंद खरवड़ ने कहा कि अहिंसावादी तत्वों का संगठित होना आज के समय की सबसे बड़ी मांग है।
—–तपस्वी घनश्याम मुनि का अभिनंदन
तपस्वी घनश्याम मुनि को शाल समर्पित करअभिनंदन किया गया। जैन कॉन्फ्रेन्स ने अक्षयचंद भंडारी, मांगीलाल चंडालिया को समाज भूषण पद से अलंकृत किया। मंजू प्रेम भंडारी, मंजू सुराणा, अंतर देवी बाघमार को विशेष सेवा के लिए सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवरलाल बोहरा, प्रचार मंत्री पारस सांखला, बालासाहेब चोरडिय़ा ने कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। दिवाकर मंच उपाध्यक्ष बाल मनोहर व विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले डॉ एसएल नागौरी दिनेश जारोली का भी अभिनंदन किया गया। चातुर्मास में विशेष योगदान पर अहिंसा भवन के हरीश जैन, वीर प्रकाश जैन, श्वेतांबर मूर्तिपूजक नेमिनाथ ट्रस्ट के अधिकारियों का भी अभिनंदन हुआ। लीला कटारिया, पुष्पा जैन, सुषमा दुग्गड़, डॉ. जीएस पीपाड़ा, प्रकाश भंडारी और अभय भरूट ने अतिथियों का स्वागत किया। कौशल मुनि ने मंगलाचरण और रश्मि सिंघवी, प्रतिभा मेहता ने गीत के माध्यम से अतिथियों का स्वागत किया।
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