महेश्वर सीट पर बाहरी और स्थानीय उम्मीदवार का पेंच फंसा होने से टिकट वितरण को लेकर विवाद की स्थिति बन रही है। यहां मेव पिछले आठ सालों से विधायक है ंऔर लगातर क्षेत्र में सक्रिय है। मेव पर बाहरी उम्मीदवार होने का टेक लगा हुआ है। इसलिए पिछले चुनाव की तरह इस बार भी पार्टी का एक धड़ा उनके विरोध में था और स्थानीय व्यक्ति को टिकट देने की मांग लगातार की जा रही थी। पार्टी ने उनका टिकट काटकर पूर्व विधायक भूपेंद्र आर्य को उम्मीदवार बनाया है, जो २००३ में कांग्रेस की कद्दावर नेता विजयलक्ष्मी साधौ को हरा चुके हैं। तब आर्य को आरएसएस का समर्थन मिला था।
महेश्वर विधानसभा सीट अजा आरक्षित है। जहां सर्वाधिक 42 हजार मतदाता बलाई समाज के है। भाजपा की नजर इसी वोट बैंक पर टिकी हुई है। यहां चुनावी फायदा देखते हुए पार्टी ने आर्य को प्रत्याशी बनाया है, जो अजा वर्ग से आते है। इस सीट पर अभी कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि टिकट की दौड़ में सबसे प्रबल दावेदार विजय लक्ष्मी साधौ को माना जा रहा है। यदि पार्टी उन्हें टिकट देती है, तो २००३ की तरह इस बार भी चुनावी मुकाबला कांटे का रहेगा।
इधर, मेव का टिकट काटे जाने से नाराज पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं द्वारा इस्तीफा देने की पेशकश की जा रही है। शुक्रवार शाम को ही मंडलेश्वर, करही, बलवाड़ा क्षेत्र के ५० से अधिक कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा दिया था। शनिवार को मेव सहित सैकड़ोंं समर्थक जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जिलाध्यक्ष के समक्ष पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होने संबंधित इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके हैं।