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खंडवा

दवा से ज्यादा नशे में कफ सिरप का उपयोग, हर माह लाखों का कारोबार

ग्रामीण अंचलों में बिना जांच के अमानक कफ सिरप खप रहे
– अब तक कफ सिरप से तीन बच्चों की मौत, जिले में 600 से अधिक मेडिकल

खंडवाOct 04, 2023 / 12:55 pm

shyam awasthi

दवा से ज्यादा नशे में कफ सिरप का उपयोग, हर माह लाखों का कारोबार

डेक्स्ट्रोमीथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड दवा पांच साल से कम बच्चों को नहीं दी जा सकती है

खंडवा. जिले में कफ सिरप का उपयोग दवा से ज्यादा नशे में हो रहा है। हर माह कफ सिरप से लाखों का कारोबार किया जा रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक दिन में कफ सिरप की हजारों बोतल खपा दी जाती हैं। खासकर ग्रामीण अंचलों में बिना जांच के अमानक कफ सिरप की बिक्री धडल्ले से हो रही है। तीन बच्चों की मौत के बाद भी अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है। पुलिस को भी पीएम रिपोर्ट के इंतजार में है।
जिले में 600 से अधिक मेडिकल स्टोर है। हर एक मेडिकल पर कफ सिरप बेचा जा रहा है। इस तरह से रोज हजारों सिरप बिक जाते हैं। मौसम में आए परिवर्तन से सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़ने से कफ सिरप की खपत भी अधिक हो गई है। वहीं दूसरी तरफ जिले में कफ सिरप से तीन मासूम काल का ग्रास बन गए। जिनकी किलकारी से आंगन खिल उठता था। वहां मातम है लेकिन जिम्मेदार अभी भी नहीं जागे है। जिला मुख्य चिकित्सा व औषधि विभाग को अब भी शिकायत का इंतजार है। जिला मुख्य चिकित्सा व औषधि अधिकारी ओपी जुगतावत का कहना है कि अब तक उनके पास शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं पुलिस की तरफ से भी अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है।
पुलिस को पीएम रिपोर्ट का इंतजार

26 सितंबर को आनंदपुर निवासी प्रियांश पिता अंतिम (3) की मौत हुई थी। मोघट पुलिस को अभी तक पीएम रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। इसके चलते पुलिस की जांच में आगे नहीं बढ पा रही है। इसी तरह से पिपलौद थाना क्षेत्र निवासी महेश (4) और रितेश (ढाई साल) की भी पीएम रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। दोनों थानों की प्रभारियों का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेजने तक सीमित कार्रवाई

मोघट पुलिस ने 21 मई को खानशाहवली निवासी तारिक पुत्र इसरार खान पर कार्रवाई की थी। उसे कफ सिरप बेचते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। तारिक नशा करने वालों को 150 से 200 रुपए में एक बोतल बेच रहा था। उससे कफ सिरप की 45 बोतल जब्त की गई थी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया। कार्रवाई यहीं तक सीमित होकर रह गई। तारिक कहां से कफ सिरप लेकर आता था। मुख्य सप्लायर कौन है। यह सवाल धरे के धरे रह गए।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह प्रतिबंधित

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक पंचोरे ने बताया कि डेक्स्ट्रोमीथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड दवा पांच साल से कम बच्चों को नहीं दी जा सकती है। डाक्टर की पर्ची के बिना मेडिकल से भी इस दवा को देना प्रतिबंधित है। जिन तीन बच्चों की मौत हुई थी। उन्हें दिए गए कफ सिरप में अन्य ड्रग्स के साथ डेक्स्ट्रोमीथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड मिला हुआ था। जबकि सभी बच्चों की उम्र पांच साल से कम थी। उन्हें यह दवा नहीं देना चाहिए थी।

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