पंधाना ब्लॉक के गोंदवाड़ी गांव के प्रीतम पिता रेमसिंह जमरा का चयन भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए हुआ है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) के परिणाम जब 4 जून को घोषित हुए थे तब प्रीतम को यकीन नहीं था कि उसे सरकारी कॉलेज मिल जाएगा। रविवार को जब अलॉटमेंट लेटर हाथ में आया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रीतम को मंगलवार को कॉलेज में उपस्थित होना है। प्रीतम की एसटी फिजिकल हैंडीकैप्ड कैटेगरी में ऑल इंडिया में 31 व मप्र में सेकंड रैंक बनी है।
प्रीतम की जुबानी, अब तक के सफर की कहानी
गोंदवाड़ी फाल्या से स्कूल की दूरी 2 किमी थी। आना-जाना मुश्किल होता था। एेसे में खंडवा के सावित्रीबाई झंवर सेवा न्यास द्वारा संचालित केशव सेवा धाम में रहकर पढ़ाई करने लगा। कक्षा 6टी से 8वीं तक रेलवे कॉलोनी के स्कूल और फिर कक्षा 9वीं से 12वीं तक उत्कृष्ट स्कूल से पढ़ाई की। इस दौरान छात्रवृत्ति से मिले रुपए बचाए। 12 हजार रुपए के सहारे इंदौर जाकर तैयारी की।
गोंदवाड़ी फाल्या से स्कूल की दूरी 2 किमी थी। आना-जाना मुश्किल होता था। एेसे में खंडवा के सावित्रीबाई झंवर सेवा न्यास द्वारा संचालित केशव सेवा धाम में रहकर पढ़ाई करने लगा। कक्षा 6टी से 8वीं तक रेलवे कॉलोनी के स्कूल और फिर कक्षा 9वीं से 12वीं तक उत्कृष्ट स्कूल से पढ़ाई की। इस दौरान छात्रवृत्ति से मिले रुपए बचाए। 12 हजार रुपए के सहारे इंदौर जाकर तैयारी की।
मेडिकल कॉलेज व शिक्षिका की प्रेरणा आई काम
प्रीतम का झुकाव पहले कॉमर्स की तरफ था। खंडवा में मेडिकल कॉलेज की नींव डलने और शिक्षिका कल्पना दुबे की प्रेरणा से उसने अपनी फिल्ड बदली। शिक्षिका दुबे ने अंग्रेजी की पढ़ाई नि:शुल्क कराई। पिता रेमसिंह किसान है जबकि मां रेशमबाई तो अशिक्षित हैं। तीन भाई व तीन बहनों के बीच प्रीतम घर में तीसरे नंबर पर है। केशव सेवा धाम में रहने व खाने की कोई फीस नहीं लगी। प्रीतम की इस उपलब्धि पर सोमवार शाम को केशव सेवा धाम में खुशियां मनाई गई। यहां प्रीतम को गुलदस्ता भेंट किया गया तो वहीं सेवा धाम में रह रहे बच्चों ने प्रीतम से उसकी सक्सेस के बारे में कुछ टिप्स लिए और बेहतर भविष्य की कामना के साथ भोपाल के लिए रवाना किया।
प्रीतम का झुकाव पहले कॉमर्स की तरफ था। खंडवा में मेडिकल कॉलेज की नींव डलने और शिक्षिका कल्पना दुबे की प्रेरणा से उसने अपनी फिल्ड बदली। शिक्षिका दुबे ने अंग्रेजी की पढ़ाई नि:शुल्क कराई। पिता रेमसिंह किसान है जबकि मां रेशमबाई तो अशिक्षित हैं। तीन भाई व तीन बहनों के बीच प्रीतम घर में तीसरे नंबर पर है। केशव सेवा धाम में रहने व खाने की कोई फीस नहीं लगी। प्रीतम की इस उपलब्धि पर सोमवार शाम को केशव सेवा धाम में खुशियां मनाई गई। यहां प्रीतम को गुलदस्ता भेंट किया गया तो वहीं सेवा धाम में रह रहे बच्चों ने प्रीतम से उसकी सक्सेस के बारे में कुछ टिप्स लिए और बेहतर भविष्य की कामना के साथ भोपाल के लिए रवाना किया।