बिल भरने में जा रही आधी कमाई
इन पीडि़तों ने बताया, हम लोग गरीब परिवार से हैं। कोई हम्माली करता है तो किराए के ऑटो चलाता है। महिलाएं घर-घर जाकर बर्तन धोती हैं। हमारी कॉलोनी के 90 फीसदी लोगों के घर अस्थाई बिजली कनेक्शन है। पिछले कुछ माह से बिलों की राशि भी 2-3 गुना बढ़ गई। आधी कमाई बिल भरने में जा रही। हम गरीबों का कुछ करें। स्थाई मीटर लगाएं। पीड़ा सुनने के बाद एई बोले कि आईपीडीएस योजना के तहत खंबे व केबल डालने थे। ठेकेदार आधा-अधूरा काम छोडकऱ चला गया। कुछ पोल खड़े कर केबल भी डाली, लेकिन लाइन चालू नहीं की। इससे अभी तक स्थाई मीटर कनेक्शन नहीं हो पाए। समस्या के निराकरण के लिए ठेकेदार व इंदौर ऑफिस को लिखा है। एई ने 27 अगस्त को खुद मौके पर जाकर स्थिति देखने का आश्वासन दिया।
इन पीडि़तों ने बताया, हम लोग गरीब परिवार से हैं। कोई हम्माली करता है तो किराए के ऑटो चलाता है। महिलाएं घर-घर जाकर बर्तन धोती हैं। हमारी कॉलोनी के 90 फीसदी लोगों के घर अस्थाई बिजली कनेक्शन है। पिछले कुछ माह से बिलों की राशि भी 2-3 गुना बढ़ गई। आधी कमाई बिल भरने में जा रही। हम गरीबों का कुछ करें। स्थाई मीटर लगाएं। पीड़ा सुनने के बाद एई बोले कि आईपीडीएस योजना के तहत खंबे व केबल डालने थे। ठेकेदार आधा-अधूरा काम छोडकऱ चला गया। कुछ पोल खड़े कर केबल भी डाली, लेकिन लाइन चालू नहीं की। इससे अभी तक स्थाई मीटर कनेक्शन नहीं हो पाए। समस्या के निराकरण के लिए ठेकेदार व इंदौर ऑफिस को लिखा है। एई ने 27 अगस्त को खुद मौके पर जाकर स्थिति देखने का आश्वासन दिया।
ये आती है परेशानी
300 से 400 मीटर दूर से केबल डाल अस्थाई बिजली कनेक्शन मिला। केबल का खर्च ज्यादा हुआ।
लंबी दूरी की केबल को लाने के लिए बीच-बीच में लकड़ी या लोहे के पोल लगाए। जो हर कभी गिर जाते। जिससे करंट का डर रहता है।
300 से 400 मीटर दूर से केबल डाल अस्थाई बिजली कनेक्शन मिला। केबल का खर्च ज्यादा हुआ।
लंबी दूरी की केबल को लाने के लिए बीच-बीच में लकड़ी या लोहे के पोल लगाए। जो हर कभी गिर जाते। जिससे करंट का डर रहता है।