शहर में पांच हजार से अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटर सड़क पर दौड़ रहे हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक सवारी ऑटो और लोडिंग ऑटो भी दौड़ रहे हैं। इसमें स्कूटर की संख्या अधिक है। इन वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन नहीं हैं। इसके साथ ही सर्विस सेंटर की भी कमी बनी हुई है। चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से लोग इन वाहनों 50 किमी ले जाने में डर रहे हैं।प्रभावित हुआ पेट्रोल मोपेड गाडी़ का कारोबार
पेट्रोल स्कूटर गाडी़ को लेकर लोगों को मोह अब भंग होता जा रहा है। अब इसकी जगह इलेक्ट्रिक स्कूटर ने ली है। बैटरी से चलने वाली स्कूटर अब लोगों की पसंद बनी हुई है। लोगों में इलेक्ट्रिक स्कूटर का क्रेज इस कदर है कि 1.60 लाख रुपए तक खर्च कर लोग इसे खरीद रहे हैं। इसे पेट्रोल मोपेड का कारोबार कम हो गया है। करीब 50 प्रतिशत की गिरावट महसूस की जा रही है।
50 किमी भी ले जाने में डर रहे लोग इलेक्ट्रिक स्कूटर की क्षमता 60 किमी हैं तो किसी की 100 हैं। ऐसे में जिन लोगों ने यह वाहन खरीदे हैं वे इसे बाहर ले जाने में डर रहे हैं। 50 किमी से ज्यादा वाहन नहीं ले जा रहे हैं। यह इसलिए की कहीं भी चार्जिंग स्टेशन नहीं है। कहीं किसी घर में चार्ज भी करते है तो इसमें छह घंटे लगते हैं। ऐसे में लोग इन वाहनों का पुरा उपयोग नहीं ले पा रहे हैं।
एक्सपर्ट व्यू दो पहिया वाहन शोरूम संचालक विजय राठौर ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों में सेफ्टी कीट नहीं है। चार्जिंग में बहुत ज्यादा समय लगता है। एक स्कूटर 06 घंटे में चार्ज होती है। इसलिए फास्ट चार्जिग स्टेशन बनाए जाए। इससे की लोग इन वाहनों का पुरा उपयोग कर सके। अभी तक वाहन केवल शहरी सीमा तक ही सिमित हैं। वाहनों के लिए सर्विस सेंटर और मैकेनिक भी होना चाहिए। इससे की इलेक्ट्रीक वाहन में किसी तरह की समस्या आती है तो इसे दूर किया जा सके।
5000 स्कूटर वाहन अब तक बिके 20 कंपनियों के शोरूम50 फीसदी प्रभावित पेट्रोल स्कूटर का कारोबार 1.60 लाख की सबसे महंगा स्कूटर