भारत एक पारंपरिक और संस्कृति प्रधान देश है। यहां कई धर्मों के मानने वाले हैं। इसी तरह अगर हिन्दू धर्म की बात की जाए, तो इस धर्म की महिलाओं के कई पारंपरिक परिधान हैं। इनमें सुहागन महिलाओं की अलग अलग इलाकों के हिसाब से अलग अलग वैशभूषा होती है। हर शादीशुदा महिला अपना सारा श्रृंगार अपने पति के लिए करती हैं। गले में मंगलसूत्र, माथे पर सिंदूर और हाथों में चूडिय़ां यह तीनों चीजें हर शादीशुदा महिनाएं अपने पति के लिए करती हैं। यह तीन चीजें तो आपको हर शादीशुदा महिला के पास जरूर मिलेगी। इसी तरह चूडिय़ां भी हर सुहागन महिला के शौभाग्य की निशानी होती है। महिलाएं अलग अलग अवसरों पर अलग अलग डिज़इन और रंग की चूड़ियां पहनती हैं।
चूड़ी के रंग से पड़ता है पति के भाग्य पर बुरा असर
पंडित व्यास ने बताया कि, शास्त्रों में महिला के श्रंगार को लेकर भी वर्णन किया गया है। इसी के तहत इस बात की भी जानकारी दी गई है कि, किस रंग की चूड़िया पहनना चाहिए और किस रंग की नहीं। एक सुहागन महिला किस रंग की चूड़ियां पहनती हैं इसका सीधा असर पति पर पड़ता है। तो आइये जानते हैं चूड़ियों के रंग और उसके शुभ समय के बारे में…।
चूड़ी खरीदते समय इस बात का रखें ध्यान
पंडित श्याम व्यास ने शास्त्रों का हवाला देते हुए बताया कि, एक सुहागन महिला को मंगलवार और शनिवार के दिन कभी भी चूड़ियों की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इस दिन इसकी खरीदारी अशुभ मानी जाती है। अगर आप इस दिन चूड़ी खरीदकर पहनती हैं तो इससे आपके पति का दुर्भाग्य बढ़ेगा। साथ ही, चटकी टूटी टूड़ी पहनने से भी पति का दुर्भाग्य बढ़ता है। ऐसी चूड़ी पहनने से बचना चाहिए।
इस रंग की चूड़ी को भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए
वैसे तो महिलाएं किसी भी रंग की चूड़ियां पहन सकती हैं, लेकिन शादीशुदा महिलाओं को सफ़ेद और काले रंग की चूड़ियां भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए। सफ़ेद और काले कलर की चूड़ियाँ सुहागन महिलाओं के लिए अशुभ मानी जाती हैं। ये बुरी किस्मत लेकर आती हैं और इसका नकारात्मक असर आपके पति पर दिखाई देता हैं। ये इतनी ज्यादा अपशगुन साबित हो सकती हैं कि बुरी किस्मत या अनहोनी के चलते आपके पति की जान तक जा सकती हैं। इसलिए जहां तक हो सुहागन महिलाओं को इस रंग की चूड़ियां पहनने से बचना चाहिए।