प्रशासन प्रदर्शनकारियों का सुध लेना भी उचित नहीं समझ रहा। जिला प्रशासन व जिम्मेदार अधिकारी प्रदर्शनकारियों से दूर भाग रहे हैं या किसी ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से चर्चा करने प्रशासन को ही रोक रखा है। इस तरह के बातें लोगों की जहन में आ रही है। लगातार प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई भी जिम्मेदार प्रदर्शनकारियों से मिलने तक नहीं पहुंचे, इससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
घट न जाए कोई बड़ी घटना
पंडरिया में हो रहे क्रमिक भूख हड़ताल में रोजाना ही कई लोग भूख हड़ताल पर बैठते हैं। प्रशासन के इस हट से किसी प्रदर्शनकारी के साथ कोई घटना न हो जाए, डर है। इस पर भी प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। जबकि भूख हड़ताल के पास डॉक्टरों की टीम भी नहीं होती है। इतने दिनों के हड़ताल बाद प्रशासन को हड़ताल खत्म कराने चर्चा किया जाना चाहिए। लेकिन अधिकारी किसी के इंतजार में है ऐसा लग रहा है।