एक योजना के अतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक के बच्चों को छात्रवृत्ति दिया जाता है, लेकिन इसका लाभ जिले में सीमित बच्चों को मिल रहा है। जिले में पंजीकृत 70 हजार से अधिक श्रमिक है, लेकिन श्रम विभाग से इस वर्ष 2500 बच्चों को ही छात्रवृत्ति का वितरण किया। श्रमिकों को योजना की जानकारी नहीं होने के कारण अपने बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं दिला पा रहे। जबकि हजारों श्रमिक के बच्चे हैं जो शासकीय स्कूल में पढ़ाई करते हैं, लेकिन योजना का लाभ दिलाने में विभाग फैल हो रही है।
वहीं दसवीं व बारहवीं में प्रदेश में टॉप टेन पर आने वाले छात्रों को एक लाख रुपए तक प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। वहीं आईटीआई, इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ कॉलेज, डेंटल व नर्सिंग कॉलेज की पढ़ाई की फीस भी शासन द्वारा दिया जाता है। लेकिन इसकी जानकारी विभाग द्वारा कभी भी नहीं दिया जाता है।