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धारा 34 विधेयक वापस लेने अधिवक्ताओं ने किया आंदोलन

locationकवर्धाPublished: Sep 23, 2018 12:20:28 pm

Submitted by:

Yashwant Jhariya

कबीरधाम जिले के अधिवक्ताओं ने अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर रैली निकाली, धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी भी की.

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धारा 34 विधेयक वापस लेने अधिवक्ताओं ने किया आंदोलन

कवर्धा . अधिवक्ता अपनी मांग न रखने के विधेयक के विरोध में अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के चलते शनिवार को न्यायालय में अधिवक्ताओं का कामकाज बंद रहा।
जिला अधिवक्ता संघ के बैनर तले जिलेभर के वकिलों ने जिला अस्पताल के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जुगेश चंद्रवंशी, आदित्य श्रीवास्तव, पोखराज परिहार ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 34 एजुकेशन विधेयक 2018 पास किए जाने से अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता को समाप्त किया जा रहा है। वकिलों को दबाने व वे अपनी मांगों को लेकर शासन-प्रशासन के पास न जा सके, इसके लिए धारा ३४ लागू किया गया है। अधिवक्ताओं ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की तरह छत्तीसगढ़ में भी अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करें। इससे वकिलों को लाभ मिलेगा। इन दो मांगों को लेकर जिलेभर के वकिलों ने कामबंद कर मोटर साइकिल रैली निकाली और प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
नहीं उठा सकेंगे आवाज
इस धारा से अधिवक्ता अपनी मांगों को लेकर आवाज नहीं उठा सकते, जबकि हर नागरिक को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। इसके बाद भी सरकार अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 34 एजुकेशन विधेयक 2018 लागू किया गया है। इस निर्णय को वापस लेने की मांग लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।
होती है घटनाएं
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जुगेश चंद्रवंशी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा भी संपूर्ण भारत में अधिवक्ताओं से दुव्र्यवहार, धमकियां और अप्रत्याशित हमला जैसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस बात राज्य विधिज्ञ परिषद द्वारा भी चिंतन पश्चात शासन से लंबे समय से संरक्षण अधिनियम की मांग की जा रही है।
भृत्य को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शन के बाद अधिवक्ता ज्ञापन सौंपने कलक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन अधिकृत अधिकारियों ने ज्ञापन लेने से इंकार कर दिया। इसके चलते अधिवक्ता संघ द्वारा ज्ञापन कलक्टर के भृत्य को दिया गया। साथ ही उक्त दुव्र्यहार के संबंध में जिला प्रशासन के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव का निर्णय लिया गया।
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