पुलिस अधीक्षक डॉ.अभिषेक पल्लव ने बताया कि जिले में कुल 804 मतदान केन्द्र हैं इसमें से मात्र 56 केंद्र संवेदनशील व अतिसंवेदनशील केंद्र हैं। विधानसभा चुनाव के समय 106 मतदान केंद्र नक्सल अतिसंवेदनशील व संवेदनशील श्रेणी में थे। इसमें कमी की गई है। इसके अलावा कई मतदान केंद्रों को राजनीतिक संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। कहीं हमेशा ही वाद-विवाद की स्थिति रहती है। कहीं मतदान अधिकारियों से बदसलूकी होती है तो कहीं अन्य राजनीतिक उठा पटक होते रहते हैं, जिसके कारण राजनीतिक संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। वहीं पर भी सुरक्षाबल तैनात होंगे।
बॉर्डर पर जांच नाका सुरक्षा के लिहाज से जिले में बॉर्डर क्षेत्र में जांच नाका भी बनाया गया है। ग्राम तरेगांव जंगल, पोलमी, कुकदूर, कांपादाह, महका, चिल्फी दशंरगपुर, बिरोड़ा में चेकपोस्ट बनाएं गए हैं, जहां एसएसटी और सीसीटीवी कैमरा से आने जाने वालें वाहनों का निगरानी रखी जा रही है। वहीं जिले में 6 उड़नदस्ता की टीम, 6 स्थैतिक निगरानी दल, 4 विडियो सर्विलांस टीम और 2 विडियो निगरानी दल का गठन किया गया है।
पूरी जिमेदारी जवानों पर ही लोकसभा चुनाव में कबीरधाम जिले के दोनों विधानसभा अंतर्गत मतदान केंद्रों व मतदाल दलों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से जिला पुलिस को 12 से 15 कंपनी बाहर से मिल रही है जिसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईटीबीपी के करीब 1500 जवान शामिल रहेंगे। एक कंपनी में 80 से 100 तो किसी कंपनी में 120 जवान तक हो सकते हैं। निर्वाचन कार्य में सुरक्षा की जिमेदारी इन पर ही होती है। इसके अलावा करीब 3000 छत्तीसगढ़ आर्स फोर्स के जवान हैं। इनके अलावा कोटवार और फॉरेस्ट गार्ड को भी सुरक्षा के लिए रखा गया है। इस तरह से देखा जाए तो करीब 6000 सुरक्षाकर्मी चुनाव में तैनात रहेंगे।