वर्तमान में होने वाले विभिन्न पदों की नियमित भर्तियों में एससी 16, एसटी 20, ओबीसी 14 प्रतिशत आरक्षण का आदेश जारी किया है। इससे एसटी संवर्ग को 12 प्रतिशत का तत्कालीन भारी नुकसान दिख रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन नहीं की घोषणा किया इसके विपरीत प्रशासन द्वारा सीधे आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पीएससी उत्तीर्ण, मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाले छात्र और उसके पालकोंं घोर निराशा व्याप्त है।
एसटी को मिले ३२ प्रतिशत आरक्षण
सामाजिक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा 50 प्रतिशत के भीतर आरक्षण रखते हुए आदेश जारी किया जाता है तो भारत सरकार द्वारा जारी एससी 12, एसटी 32, ओबीसी 6 प्रतिशत का निर्धारण कर राज्य शासन द्वारा प्रेषित आदेश को लागू किया जाए।। चूंकि सरकार तत्कालीन समय में राज्य सरकार द्वारा संशोधन करते हुए एससी 16, एसटी 20, ओबीसी. 14 प्रतिशत कर आदेश जारी किया गया। फ लस्वरूप एसटी को सर्वाधिक 12 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ा। वहीं एससी का 4 प्रतिशत व ओबीसी को 8 प्रतिशत का लाभ देते हुए निर्धारण कर आदेश जारी कर दिया था। इससे एसटी को 2012 तक हजारों विभिन्न केडर के पदों का बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा, जिसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।