विशेषज्ञों के मुताबिक पराबैंगनी विकिरण (अल्ट्रवायलेट रेज) का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। अगर इन विकिरणों से बचा नहीं गया, तो गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। पराबैंगनी विकिरण बहुत ही घातक होती हैं। इनसे त्वचा संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पराबैंगनी विकिरण का स्तर 10 से कम होने पर यह सामान्य होता है, लेकिन 10 से 12 तक यह खतरनाक व 12 से ऊपर के स्तर पर यह बेहद खतरनाक माना जाता है।
कवर्धा (Kawardha) में इन विकिरणों का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। रविवार को तो इसका स्तर 12 के आसपास जा पहुंचा, जिसे बेहद खतरनाक माना जाता है। आने वाले दिनों में तापमान (Temperature) अधिक हो सकता है। इसलिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
कवर्धा शहर में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस (Heat weather) से अधिक रहा, आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी का अनुमान है। तापमान बढऩे के साथ पराबैंगनी विकिरण भी बढ़ता है। आने वाले एक सप्ताह पराबैंगनी विकिरण का 13 तक रहने की संभावना है। ऐसे में गर्मी ज्यादा हो तो धूप में कम ही निकलें। कोशिश करें कि पूरी त्वचा कपड़ों से ढंकी हुई हो। सन क्रीम लगाकर निकलें। स्कार्फ, टोपी, व चश्मा का भी ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।