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गांवों में चोरी की बिजली से लोगों के घर हो रहे रोशन, विभाग का ध्यान नहीं

locationकवर्धाPublished: Oct 24, 2018 06:42:06 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

ग्राम में चोरी की बिजली से घर रौशन हो रहा है, जिसकी वजह से विद्युत पर भार बढ़ता जा रहा है।

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गांवों में चोरी की बिजली से लोगों के घर हो रहे रोशन, विभाग का ध्यान नहीं

कवर्धा. ग्राम में चोरी की बिजली से घर रौशन हो रहा है, जिसकी वजह से विद्युत पर भार बढ़ता जा रहा है। आए दिन लो-वोल्टेज और बिजली बंद की शिकायतें रहती हैं, जिसके चलते अन्य किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विभागीय अधिकारी इस बात से पूरी तरह बेखबर हैं।
शासन द्वारा किसानों को रियायत दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बाद भी बिजली की चोरी निरंतर जारी है। लोग निजी हित के लिए विभिन्न तरीकों से बिजली चोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण विद्युत वितरण कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ग्राम परसवारा के कई घरों मेंं हुकिंग कर कनलेक्शन लिया हुआ है। इसके कारण परमानेंट कनेक्शन लेने वालों किसानों को मुसीबत उठाना पड़ रहा है।बहुतायत बिजली चोरी के कारण गांव के ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ गया है, जिसके चलते लो-वोल्टेज और बिजली बंद होती रहती है। हुकिंग कर बिजली चोरी करने वाले लोगों को विद्युत विभाग की कार्रवाई का कोई डर नहीं है।
इसी के चलते खुलेआम दिन में भी घरों के सामने हुकिंग किए हुए देखे जा सकते हैं। गांव में दो-चार लोग ऐसे भी हैं, जो कभी भी लाईन को इधर से उधर कर छेडख़ानी करते हैं। यह समस्या रात में अधिक होती है, जिसके चलते रात में बिजली गुल रहती है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कार्रवाई करने ध्यान नहीं देते।

इसलिए होते हैं ट्रांसफार्मर खराब
गांव में ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत आम हो गई है। ग्रामीण इसके लिए विभाग को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। ज्यादातर लोग हुकिंगकर बिजली चोरी कर रहे हैं। वहीं बोरंपप चलाने के लिए कुछ किसानों ने अवैधानिक तरीके से बिजली कनेक्शन लगा रखा है, जिसके चलते ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है। लोड बढऩे के साथ ही लो-वोल्टेज और बिजली गुल होने लगता है। वहीं कई बार तो ट्रांसफार्मर ही खराब हो जाते हैं।

चोरी रोकने योजना नहीं
इस तरह के चोरी को रोकने के लिए गांवों में भी केबलीकरण किया जाना था, लेकिन इन गांवों में अब तक केबलीकरण का कार्य नहीं हो पाया है। केबलीकरण के अलावा विद्युत विभाग द्वारा गांवों में बिजली की चोरी रोकने के लिए कोई योजना नहीं है, लेकिन केबलीकरण कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। विभागीय अधिकारी विद्युत जांच के लिए कभी ग्रामीण इलाकों में झांकते नहीं हैं, जिसका पूरा फायदा चोरी करने वाले किसानों को मिलता है। वे बेधड़क बिजली चोरी को अंजाम देते हैं। इधर बिजली चोरी होने से विभाग को हर साल लाखों का नुकसान होता है, जिसकी पूर्ति के लिए दरों में वृद्धि कर दी जाती है।

एक खंभे पर दर्जनों कनेक्शन
ग्रामीण क्षेत्र में हुकिंग का खेल कुछ इस तरह चल रहा है कि हल्की आंधी तूफान से शार्ट सर्किट का खतरा हमेशा बना रहता है। क्योंकि एक ही विद्युत पोल से दर्जन भर से अधिक कनेक्शन लिया गया है। इससे समझ में ही नहीं आता है कि कौन से घर में कौन सा कनेक्शन गया है।

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