नोट का मिलान किया
१८ जनवरी को दोपहर १२ बजे १२ सदस्यीय एसीबी की टीम कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां पर शिकायतकर्ता कामू बैगा अंत्यावसायी के क्षेत्राधिकारी दीपक नामदेव को २० हजार रुपए दे चुका था। इसके बाद एसीबी की टीम ने कार्यालय में धावा बोला और दरवाजा बंद कर सीधे कार्रवाई शुरू कर दी। कामू बैगा द्वारा दिए गए नोट को ढूंढा। वह ड्राज के नीचे मिले। मिलान किया गया कि नोट वहीं है जो एसीबी ने केमिकल लगाकर दिए थे।
और लिए बयान
कार्रवाई के दौरान एसीबी द्वारा अन्य कई हितग्राहियों को भी बुलाया गया और बातचीत गई। कामू बैगा ने ही कुछ और हितग्राहियों से पैसे लेने की बात बताई थी। इसमें दो अन्य हितग्राहियों ने भी विभाग में रिश्वत देने की बात कहीं। एसीबी टीम ने उनके भी बयान लिए। पूरी प्रक्रिया करीब पांच घंटे तक चली। शाम को कवर्धा जिला न्यायालय में आरोपी को पेश किया, जहां रिमाण्ड पर उसे जेल भेज दिया गया।
यह रहा पूरा मामला
ग्राम केसदा निवासी युवक कामू बैगा ने बताया कि गांव में वह दुकान खोलना चाहता था। इसके लिए उन्होंने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति से आवेदन लगाकर राशि की मांग की। स्वावलंबन योजना के तहत युवक को दो लाख रुपए की स्वीकृति हुई। इसमें से एक लाख रुपए मिला तो दुकान का निर्माण प्रारंभ कर दिया। इसके बाद एक लाख रुपए नहीं मिले तो युवक ने जानकारी ली। इसमें युवक से ५० हजार रुपए की मांग रखी, तब एक लाख रुपए दिलाने में मदद करने की बात कही गई। युवक राजी नहीं हुआ। इसके चलते वह दुकान निर्माण का काम छोड़ दिया। इसके बाद विभाग से उसे नोटिस मिलने लगा कि राशि लेकर निर्माण आगे नहीं बढ़ाया जा रहा। इस पर युवक ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में इसकी शिकायत की। इसके बाद एसीबी ने शिकायत की पुष्टि की और तिथि तय किया गया युवक कब उक्त क्षेत्राधिकारी को नोट देगा और कार्रवाई करेंगे।
हंगामा भी हुआ
कार्रवाई के दौरान काफी हंगामा भी हुआ। कार्रवाई के दौरान ही क्षेत्राधिकारी का भाई भी कार्यालय पहुंच गया। इस दौरान एसीबी टीम के साथ वाद-विवाद होने लगा। इस पर जिला पुलिस को सूचना दी गई। कोतवाली थाना से अधिकारी पहुंचे। उक्त युवक को शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के चलते थाने में बैठा दिया गया।