पिछले वर्ष अक्टूबर में व्यापारी खुराना ने पालिका और लोक सुराज में आवेदन लगाया कि यदि नीलामी में खरीदी गई काम्प्लेक्स छत का पंजीयन नहीं हुआ तो पंजीयन किया जाए ताकि वह दुकानों की बिक्री कर सके। आज 11 माह से व्यापारी नगर पालिका, कलेक्ट्रेट और नगरीय प्रशासन के चक्कर काट रहा है। बावजूद इस मामले का निराकरण नहीं हो सका है।
दुकान बिक्री नहीं तो वापस करो राशि
यदि पालिका प्रशासन से गलतीवश परिषद में अनुमोदन नहीं कराया और नीलामी अवैध हो गई, तो इसमें सुधार किया जाए। उक्त व्यापारी की नीलामी राशि और निर्माण की लागत राशि देकर काम्प्लेक्स की दुकानें पालिका प्रशासन अपने नाम करे। लेकिन पालिका के अधिकारी इस पर भी राजी नहीं हो रहे। वह केवल व्यापारी को मानसिक रूप से परेशान किए जा रहे हैं। इसलिए मामले का निपटारा बेहद आवश्यक है।
नगर पालिका अधिकारी से काम न होने से परेशान खुराना का ब्लड प्रेशर हाई हो गया और 31 जुलाई को पालिका परिसर में ही वह बीमार हो गए। जांच में माइनर अटैक बताया गया। व्यापारी ने बताया कि इसके दूसरे दिन कलक्टर ने उन्हें बुलाया और आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं को जल्द निराकरण होगा। कलक्टर ने सीएमओ को 10 दिन के भीतर उक्त मामले के निराकरण के लिए फाइल बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए लेकिन इस बात को आज डेढ़ माह बीत चुके हैं बावजूद सीएमओ ने इस पर कोई पहल नहीं की है।
-गांधी मैदान काम्प्लेक्स नीलामी को लेकर कुछ त्रुटि हुई। इसके लिए पालिका की ओर प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द उक्त व्यापारी के समस्याओं का निराकरण हो सके।
देवकुमारी चंद्रवंशी, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद कवर्धा