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जमीन का मुआवजा नहीं मिला, सदमे से किसान की मौत, नेशनल हाइवे के लिये हुआ है अधिग्रहण

locationकौशाम्बीPublished: Jun 22, 2019 06:01:57 pm

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जिले कौशाम्बी की घटना।
परिवार का दावा, बेहद कम मुआवजा निर्धारित होने और वह भी न मिलने से लगा सदमा।
एनएचएआई और जिला प्रशासन ने कहा किसन की मौत का इससे कोई संबंध नहीं।

Farmer Death in Shock

सदमे से किसान की मौत

कौशाम्बी . यूपी के कौशाम्बी जिले में नेशनल हाइवे (National Hiway) के लिये अधिग्रहित (Land Acquisition) की गयी जमीन का मुआवजा नहीं मिलने के सदमें से किसान की मौत हो गयी। परिवार वालों का दावा है कि मुतावजे की रकम मिलने के पहले ही उनकी जमीन पर काम शुरू होने के चलते उनके परिवार के मुखिया को इस बात का सदमा लगा और इसी के चलते उनकी मौत हो गयी। किसान की मौत के बाद लोगों में आक्रोश है। दरअसल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Hiway Athaurity of India) की ओर से नेशनल हाइवे संख्या दो को छह लेन विस्तारीकरण का काम कौशाम्बी जिले की सीमा में शुरू कर दिया है। आरोप है कि जिनकी जमीनें अधिग्रहित की गयी हैं उनमें से अधिकतर को मुआवजा दिये बगैर ही सिक्स लेन का काम शुरू कर दिया गया है। अब किसान की मौत के बाद दावा किया जा रहा है कि एनएचएआई की मनमानी के चलते ही किसान की मौत हुई है। किसान की मौत के बाद लोगों के आक्रोश को देखते हुए उसके घर के आस-पास पुलिस फोर्स तैनात कर दी गयी है। वहीं तहसील प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि मौत का मुआवजे प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं।
 

सिराथू तहसील के बिदरपुर ककोढ़ा निवासी पन्नालाल जायसवाल की 0.0243 हेक्टेयर नेशनल हाइवे नंबर दो के विस्तारीकरण में जा रही है। एनएचएआई (NHAI) की ओर से भेजे गए नोटिस में पन्नालाल जायसवाल को 8,31,815 रुपये मुआवजे के रूप में दिये जाने का आदेश है। मुआवजे की धनराशि को लेकर ऐसे तमाम किसान जिनकी जमीन अधिग्रहित (Land Acquisition) की गयी है सरकार की नीति से संतुष्ट नहीं हैं। इस बात को लेकर किसान व जिला प्रशासन आमने-सामने आए हैं।
एनएचएआई ने नोटिस देने के बाद मुआवजा दिये बगैर ही किसानों व व्यापारियों की जमीन पर कार्य शुरू कर दिया। कुछ किसानों को छोड़कर ज्यादातर किसानों को अब तक मुआवजे की धनराशि नहीं दी गयी है। मृतक किसान पन्नलाल के परिजनों का आरोप है कि नेाटिस मिलने के बाद अपनी जमीन का बेहद कम मुआवजा देखकर वह सदमे में आ गए और इसी के चलते हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गयी। किसन की मौत के बाद इलाके के लोगों खासतौर से किसानों में प्रशासन व एनएचएआई के प्रति गहरी नाराजगी है, जिसे मद्देनजर रखते हुए फोर्स तैनात की गयी है। मामले में एसडीएम सिराथू ज्योति मौर्य व एनएचएआई के लाइजनिंग अधिकारी राहुल कर कहना है कि सभी काम नियमानुसार कराए जा रहे हैं। किसान की मौत का इससे कोई संबंध नहीं।
By Shivnandan Sahu

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