शुक्रवार की शाम मोहब्बतपुर पइंसा पुलिस की मुठभेड़ के दौरान जुल्फिकार गिरफ्तार हुआ तो उसका आपराधिक इतिहास भी सामने आया। मोहब्बतपुर पइंसा थाने इलाके के थोन गांव का मजरा अमीनाबाग का रहने वाला जुल्फिकार पुत्र इस्तियाक बचपन से ही शरारती किस्म का था। कक्षा आठ की तक पढ़ाई की। अट्ठारह वर्ष की उम्र में पहली बार उसके ऊपर आर्म एक्ट के मुकदमा फतेहपुर जनपद के खखरेरू थाने में दर्ज हुआ। इसके बाद यह आए दिन पुलिस की नाक में दम करने लगा। फतेहपुर जिले के ही हथगांव थाना इलाके में ही पहली बार लूट की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद जरायम की दुनिया में एक के बाद एक वारदातों को अंजाम देता गया।
खखरेरू थाना के अंजना गांव से इसने अपना गैंग चलाना शुरू किया। गैंग में एक दर्जन साथियों को जोड़ा। जुल्फिकार गैंग ने वर्ष 2003-04 में कौशाम्बी के पइंसा थाना इलाके में एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया तो इसपर गुंडा अधिनियम लगाया गया। वर्ष 2007 में जुल्फिकार व उसके साथियों ने सैनी कोतवाली इलाके के एक गांव में लूट के इरादे से घर मे घुस गृहस्वामी की हत्या कर दी। जिसके बाद पुलिस ने जुल्फिकार पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की। हालांकि इसके बाद भी पुलिस जुल्फिकार को गिरफ्तार नही कर सकी। पुलिस की आंख में धूल झोंक जुल्फिकार एक के बाद एक वारदातों को अंजाम देता रहा। जिसपर उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, लूट, छिनैती आदि में मुकदमा दर्ज हुआ।
जुल्फिकार गैंग का दायरा बढ़ा तो उसने प्रयगाराज व कानपुर के विभिन्न थाना के क्षेत्रों में वारदातों को अंजाम दे डाला। पुलिस के लिये चुनौती बने जुल्फिकार का मोहब्बतपुर पइंसा पुलिस के साथ शुक्रवार की शाम मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में घायल हो जाने के बाद जुल्फिकार को गिरफ्तार कर लिया गया। जुल्फिकार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। एसओ पइंसा संजय गुप्ता का कहना है कि गैंग के सरगना की गिरफ्तारी के बाद बाकी सदस्यों के हौसले पस्त हुए हैं। पुलिस जल्द ही गैंग के फरार बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार करेगी।
BY- SHIV NANDAN SAHU