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शक्ति पीठ शीतला धाम में भक्तों का तांता, हर मुराद पूरी करती हैं मां
मान्यता है कि मां के दरबार मे जो श्रद्धालु बसियौरा (रात्रि में बनाया गया पूड़ी-हलुवा) श्रद्धा के साथ चढ़ाता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। शक्तिपीठ मां शीतला देवी को पुत्र देने वाली देवी भी कहा जाता है। जी भक्त के के शीतल कुंड को जल, दूध, फल व मेवे से भरवाता है उसे मनोवांछित फल मिलता है। मां के दर्शन करने बलिया से आये शरद पांडेय का कहना है कि वह अपने सभी काम छोड़कर मां के दर्शन करने अपने पूरे परिवार के साथ आषाढ़ महीने में जरूर आते हैं। इससे उन्हें व उनके परिवार को मन की शांति के साथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यह भी पढ़ें
पूर्वांचल की अधिष्ठात्री देवी शीतला मां के मंदिर में भक्तों का लगा तांता
वाराणसी से मां के दर्शन करने पहुंची कांति वर्मा का कहना है कि मां के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शक्तिपीठ शीतलाधाम के तीर्थ पुरोहित पंडित राम किंकर पंडा बताते हैं कि देवी सती का दाहिना कर (पंजा) यहां गिरा था, जो आज भी कुंड में विराजमान है। कुंड से हमेशा शीतल जल निकलता रहता है। इसी शीतल जल को ग्रहण करने से माँ के भक्तों के सभी दुख डोर हो जाते हैं। भक्त चढ़ाते हैं पालना-निशान शीतला मां के दर्शन करने वाले भक्तों के अंदर श्रद्धा व आस्था इतनी अधिक भरी हुई है कि वह सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करते हुए अपने कंधे पर पालना व निशान रखकर शीतलाधाम पहुंचते हैं। सैकड़ों किमी पैदल यात्रा कर सप्तमी की शाम माँ के धाम पहुँचने वाले श्रद्धालु अष्टमी की सुबह मंदिर में पालना व निशान चढ़ाते हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शीतलाधाम में लगे आषाढ़ मेले में श्रद्धालुओं को सुरक्षा के लिहाज से कोई दिक्कत न हो इसके पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिले की पुलिस बल के अलावा प्रयागराज, प्रतापगढ़ व फतेहपुर जनपद से भी पुलिस कर्मियों की डियूटी लगाई गई है। मेले पर चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात करने के लिए तीन निरीक्षक, 22 उप निरीक्षक, 2 महिला उप निरीक्षक, 15 हेड कांस्टेबल, 100 कांस्टेबल, 15 महिला सिपाही, दो ट्रैफिक उप निरीक्षक के अलावा पीएसी बल को भी लगाया गया है।
BY- Shiv Nandan Sahu