ग्राम पंचायत अमेहटा की आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-3 में पदस्थ सहायिका प्रेमा कोल की बुधवार रात ह्दयगति रुकने से मौत हो गई। मृतिका के पति भी पिछले कई साल से बीमार चल रहे हैं। उनके इलाज में सारा रुपया खर्च हो गया। घर चलाने की जिम्मेंदारी सहायिका प्रेमा कोल पर ही थी और अचानक उनकी मौत हो जाने के बाद घर पर जैसे दुख का पहाड़ टूट पड़ा।
स्थिति यह थी कि 10 साल के बेटे और 15 साल की बेटी को यह तक नहीं सूूझ रहा था कि मां का अंतिम संस्कार कैसे होगा। आंगन में मां का शव रखा था और बीमार पिता बिस्तर पर लेटे थे। तभी आसपास गांव की दूसरी आंगनबाड़ी में काम करने वाली कार्यकर्ता-सहायिका सामने आईं। सुशीला शर्मा, श्यामली डे, छवि माया, थापा, कल्पना तिवारी, सहायिका नीता पाठक, अनिता सिंह व गीता बर्मन सहित अन्य कार्यकर्ता-सहायिका प्रेमा कोल के घर पहुंची और अंतिम संस्कार का इंतजाम किया। प्रेमा के शव को कंधे पर लेकर शवयात्रा में श्मशान लेकर पहुंची।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने स्वेच्छानुसार मृतिका के परिवार को आर्थिक मदद की। उन्होंने भी मृतिका के परिवार को पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी।