2014-15 में हुई थी घोषणा
जानकारी के अनुसार 2014-15 में 28 नए स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की सरकार द्वारा घोषणा की गई थी। सभी ब्लॉक में डिलेवरी व नॉन डिलेवरी प्वाइंट बनाए जाने घोषणा हुई। 4 साल से अधिक का समय बीत गया है अभी तक मात्र 12 अस्पतालों के निर्माण के लिए टेंडर हो पाए हैं। 16 गांवों में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण अधर में लटका है। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई सिर्फ पत्राचार तक सीमित है। ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सकीय सेवाओं को बेहतर करने के लिए शासन द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र निर्माण पर जोर दिया जा रहा है, ताकि ग्रामीणों को इलाज के लिए शहर की दौड़ न लगानी पड़े, लेकिन यह मुहिम जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है।
इन गांवों में बनने हैं स्वास्थ्य केंद्र
जिले में 28 गांवों में नॉन डिलेवरी व डिलेवरी प्वाइंट बनने हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कन्हवारा, कछगवां, कटंगीकलां, चाका, खरखरी, बहोरीबंद में अमरगढ़, पटना, मोहतरा, जुजावल, कूड़ा, भकरवारा, छपरा, सलैया प्यासी, रीठी में गुरजीकला, रैपुरा, गोदाना, हथकुरी, विजयराघवगढ़ में बम्हौरी, रजरवारा, कुंदरेही, बड़ारी, डीघी, ढीमरखेड़ा में धरवारा, पडऱभटा, कोठी, बड़वारा के मझगवां, खिरहनी, निपनिया, बिचपुरा में स्वास्थ्य केंद्र बनने हैं।
ये दिलानी हैं सुविधाएं
जिले की सभी 6 विकासखंड अंतर्गत आने वाले गांवों में सामान्य केंद्र व प्रसव केंद्र का निर्माण होना है। सामान्य केंद्र के लिए 24 लाख रुपए व प्रसव केंद्र 30 लाख रुपए से बनाया जाना है। केंद्र स्वीकृत होने के बाद बेहतर सुविधा की उम्मीद जगी थी, लेकिन विभाग की लेटलतीफी से गांव के लोग खासे परेशान हो रहे हैं। उपचार सहित प्रसव के लिए महिलाओं को दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर जिला अस्पताल आना पड़ता है। पहले जमीन के आवंटन न होने के कारण देरी हुई। जमीन की समस्या खत्म होने के बाद और शासन स्तर से फाइल पेंडिंग में चल रही हैं।
इनका कहना है
इन स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की प्रकिया विभाग स्तर पर पूरी की जा रही है। सभी केंद्रों का निर्माण शीघ्र शुरू हो, इसके लिए पहल की जाएगी।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।