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खेल दिवस पर विशेष: कटनी जिले के खिलाड़ी नेशनल से लेकर सात समंदर पार तक फहरा रहे परचम, गजब की है खासियत

locationकटनीPublished: Aug 29, 2018 10:32:00 am

Submitted by:

balmeek pandey

शतरंज, जूडो, क्रिकेट और कुश्ती में दिलाई विशेष पहचान, जिले की प्रतिभाओं ने बढ़ाया मान

Special Story on Sport Day

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कटनी. खेल कई नियम-कायदों द्वारा संचालित ऐसी गतिविधि है, जो हमारे शरीर को फिट रखने में मदद करती है। आज इस भागदौड़भरी जिंदगी में अक्सर हम खेल के महत्व को दरकिनार कर देते हैं। आज के समय में जितना पढऩा-लिखना जरूरी है, उतना ही खेलकूद भी जरूरी है। एक अच्छे जीवन के लिए जितना ज्ञानी होना जरूरी है, उतना ही स्वस्थ होना जरूरी है। ज्ञान हमें पढऩे-लिखने से मिलता है और अच्छा स्वास्थ्य शरीर हमें खेलकूद से मिलता है। कुछ ऐसा ही साबित कर दिखाया है बारडोली के होनहारों ने। खेल गतिविधियों से जुड़कर न सिर्फ स्कूल बल्कि जिले का नाम संभाग स्तर से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर धमाल मचा चुके हैं। 29 अगस्त को पूरा विश्व खेल दिवस मनाता है। ऐसे में कटनी के ये खिलाड़ी जिले के लिए एक मिसाल हैं। जिले में खिलाडिय़ों और खेलप्रेमियों की कमी नहीं है। ये खिलाड़ी प्रसिद्ध खेलों शतरंज, क्रिकेट, हॉकी, कुश्ती में सफलता के झंडे गाढ़े हैं। हम आपको बता दें कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें सम्मान देने के लिए यह दिन मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद का संभाग और से भी गहरा नाता है। रीठी से धावक मेजर ध्यानचंद के साथ कॉम्पीटिशन का हिस्सा बन चुके हैं। उल्लेखनीय है कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने ध्यानचंद को प्रशिक्षण दिया है।

सात समंदर पार लहरा रहे परचम
विश्व पटल पर जिले का ही नहीं अपितु भारत देश का नाम ऊंचा कर रहे है कटनी निवासी अक्षत खंपरिया। चैस के क्षेत्र में जिले का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ी अक्षत खंपरिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर परचम लहरा रहे हैं। इटली के मिलान सिटी में आयोजित 38वीं कै्रस्पी मेमोरियल मास्टर्स केटेगरी इंटरनेशनल चैस टूर्नामेंट में अक्षत ने भारत के साथ शर्दिया, रसिया, मलेशिया, फ्लीपीन, स्पेन देशों के चैस प्लेयर्स के बीच बेहतर प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मैडल पाया। अक्षत मप्र के पहले इंटरनेशनल मास्टर हैं, वे अबतक 40 देशों में इंटरनेशनल चैस टूर्नामेंट खेल चुके हैं। बारडोली के इस खिलाड़ी ने हर जगह अपने खेल के माध्यम से देश का नाम रोशन करने के साथ-साथ खेलप्रेमियों का दिल जीत रहे हैं।

मप्र महिला क्रिकेट टीम में बनाई जगह
कड़े संघर्ष और जज्बे के साथ खेल में हाथ आजमा रही गांव की बेटी ने जिले का नाम रोशन महिला क्रिकेट टीम में शामिल होकर किया है। स्लीमनाबाद क्षेत्र से ग्राम रैपुरा निवासी मुस्कान विश्वास पिता पलाश (15) जिले की पहली महिला क्रिकेटर होने का गौरव प्राप्त किया है। मुस्कान का रेस्ट ऑफ एमपी व अंडर 19 मप्र बालिका क्रिकेट टीम में चयन हुआ है। 25 दिसंबर से 30 दिसंबर तक अंडर 19 स्कूल गेम ऑफ फेडरेशन का आयोजन हुआ था। जिसमें मप्र की टीम से मुस्कान ने प्रतिनिधित्व किया था। मैच में उम्दा प्रदर्शन पर चयनकर्ताओं ने मुस्कान का चयन किया। मुस्कान अब समाज के लिए मिसाल बन गई हैं। मप्र टीम में सिलेक्ट होने के बाद दिसंबर माह में नेशनल स्तर पर खेले गए मुकाबले में जम्मू काश्मीर के खिलाफ मुस्कान ने उम्दा प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं मुस्कान स्कूल डिवीजन से नेशनल टीम में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। मुस्कान के इस सफल पड़ाव से न सिर्फ गांव के लोग गौरवान्ति महसूस कर रहे हैं, बल्कि जिले का मान भी बढ़ा है।

पहलवानी के दाव-पेंच ने पहुंचाया एकेडमी
कटनी. भट्टा मोहल्ला गड्ढा टोला निवासी संगम वंशकार का 12 वर्षीय पुत्र शिवराम का चयन खेल विभाग की कुश्ती अकादमी भोपाल के लिए चयन हुआ है। शिवराम पहले रामदास खलीफा अखाड़ा का विद्यार्थी रहकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद कुश्ती सेंटर माधवनगर खेल विभाग में प्रशिक्षण ले रहा था। सभी दाव-पेंच का प्रशिक्षण खेल अधिकारी विजय भार के मार्गदर्शन में ट्रेनर चंदन चक्रवर्ती द्वारा दिया गया। विजय भार ने बताया कि इन दिनों कुश्ती सेंटर में 45 से अधिक बच्चे प्रैक्टिस कर रहे हैं। इनमें से शिवराम की योग्यता के आधार पर चयन हुआ है। डकंडर, खैमेरोल दाव, गटरेंंज, कलाजंग दाव में माहिर होने के कारण एक बढ़कर एक पहलवानों को चित्त किया है, जिससे उसका चयन हुआ।

मप्र की टीम से चलेगा हिमांशु का बल्ला
शहर में क्रिकेट के क्षेत्र में भी खिलाडिय़ों का खासा रूझान है। लगातार जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव सुबीर चतुर्वेदी और भागीरथ कचेर के कुशल मार्गदर्शन में क्रिकेट खिलाड़ी तराशे जा रह हे हैं। शहर के हिमांशु लालवानी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश की टीम में अपना स्थान बनाया है। हिमांशु टीम में सेलेक्सन के साथ ही बीसीसीआइ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के एक दिवसीय टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में प्रदेश की टीम की ओर से शामिल होगा। हिमांशु जब क्रिकेट में लंबे-लंबे शॉट लगाता है तो बॉलर के हौसले परस्त तो होते ही है साथ ही दर्शक मुग्ध हो जाते हैं।

दिव्यांग सुदामा ने बढ़ाया जिले का मान
कहते है कि अगर हौसले बुलंद हो तो दिव्यांगता कभी आड़े नहीं आती है। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है, दशरमन निवासी किसान छोटे चक्रवर्ती की ब्लाइंड बेटी सुदामा ने। पिछले वर्ष दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीश् ब्लाइंड जूड़ो स्पर्धा की वह चैंपियन रहीं और स्वर्ण पदक जीता। देश में जिले का परचम फहराने वाली सुदामा की इस उपलब्धि पर 26 जनवरी को विशेष सम्मान मिला। ब्लाइंड जूडो चैंपियन की विजेता और महात्मा गांधी हायर सेकंडरी स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा सुदामा यहां पर ब्लाइंड लिपी से पढ़ाई शुरू की। इसके बाद संस्था द्वारा खेलकूद में रूचि को देखते हुए भोपाल भेज दिया गया। यहां पर मैं जूड़ो सीखने लगी। इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रीय ब्लाइंड जूडो स्पर्धा हुई। संस्था की तरफ से मुझे हिस्सा दिलाया गया। पांचवी राष्ट्रीय ब्लाइंड जूडो स्पर्धा में सुदामा ने स्पर्धा में गोल्ड पदक जीता और चैंपियन बनीं।

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