scriptइस दिवाली भी सैकड़ों लोगों की जिंदगी में छाया रह गया अंधेरा, सभी दावे हुये फेल | Rural're spending Without electricity of life in katni | Patrika News

इस दिवाली भी सैकड़ों लोगों की जिंदगी में छाया रह गया अंधेरा, सभी दावे हुये फेल

locationकटनीPublished: Nov 08, 2018 12:46:57 pm

Submitted by:

balmeek pandey

बहोरीबंद तहसील के ग्राम हाथीभारमें बिजली का सपना नही हो सका साकार

Rural're spending Without electricity of life in katni

Rural’re spending Without electricity of life in katni

सुग्रीव यादव कटनी/स्लीमनाबाद. रोशनी का महापर्व दीपावली पर चहुंओर उजाला रही…, रोशनी की सतरंगी छटा बिखरी, लोगों ने खुशियां मनाई वहीं कटनी जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बहोरीबंद तहसील की ग्राम पंचायत गौरहा का हाथीभार गावं अंधेरे में रोशनी का पर्व मनाया। आजादी के 71 सालो से इस गांव के लोग अंधेरे में जिंदगी गुजारे विवश हैं और इस दीवाली में भी इस गांव में रोशनी की कोई उम्मीद नही है। गांव के लोग यह राह तक रहे है कि आखिर कब वह खड़ी आएगी जब गांव रोशन होगा। ग्रामीण सोनेलाल बर्मन, ढरे सिंह, मिनिलाल बर्मन, लखनलाल बर्मन ने बताया कि जब चुनाव आता है तो वोट लेने के लिए सभी गांव पहुंचते हैं। चुनाव के बाद झांकने तक नहीं आता है। अंधेेर में कब तक जीवन गुजारे।

ग्रामीणों ने बयां किया दर्द
सोनेलाल बर्मन बताते हैं गांव को सौभाग्य योजना से रोशन होने की उम्मीद जागी थी। लेकिन सौर ऊर्जा से रोशन किये जाने की बात सामने आई। सौर ऊर्जा से स्ट्रीट लाइट लगवायी गयी। जो महज कुछ दिनों तक तो उजाला दी, लेकिन खराब हो गयी। अब फिर गांव में अंधेरा पसरा हुआ है। ग्रामीण ढरे सिंह ने बताया कि बताते हैं बिजली के बगैर कोई काम नहीं होता है। विधायक, कलेक्टर और बिजली कंपनी कार्यालय में अनेकों बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने ग्रामीणों के इस दर्द को महसू नहीं किया। अबतक समस्या समाधान के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुई। बिजली न होने के कारण बुजुर्ग तो इस माहौल में रचबस गए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा पीड़ा बच्चों को हो रही है। अंधेरे में पढ़ाई करना पड़ती है। दीपावली जैसे त्योहार भी हमें अंधेरे में ही मनाना पड़ता है।

रोशनी का पर्व में अंधेरा…
रोशनी का पर्व दीपावली अंधेरे मं मने तो त्योहार की पूरी रौनक चली जाती है। हाथीभार गांव में बिजली नहीं आने से यहां ग्रामीण अंधेरे में त्योहार मनाने को मजबूर है। वहीं गांव में सिंचाई के लिए भी डीजल पम्पों का ही सहारा है।

ये बोले जिम्मेदार
एसडी सिंह सहायक यंत्री विद्युत विभाग बहोरीबंद का कहना है कि बहोरीबंद तहसील के हाथीभार गांव को विद्युत से रोशन करनी की योजना बनाई गई थी। लेकिन अधिक बजट आने के कारण यह मूर्त रूप नही ले सकी। इसे बाद में सौभाग्य योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा की स्ट्रीट लाइट लगाकर रोशन किया गया था। यदि स्ट्रीट लाइटे बंद पड़ी हुई हैं, तो इनका सुधार कार्य करवाया जाएगा। वहीं धीरेंद्र सिंह एसडीएम बहोरीबंद ने कहा कि बहोरीबंद तहसील क्षेत्र में हाथीभार गांव में बिजली नही पहुंची है तो इस संबंध मे विद्युत विभाग व जिला प्रशासन से पत्राचार कर गांव को रोशन करने का प्रयास किया जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो