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5 साल में गुम गए कॉलेजों के एंबेसडर प्रोफेसर, बैंक में भी लग गया ताला, जानिए क्यों

कॉलेजों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने व समाज से जोडऩे उच्च शिक्षा विभाग ने साल 2011 में शुरू की थी ब्रांड एंबेसडर प्रोफेसर व प्रतिभा बैंक योजना

कटनीNov 09, 2018 / 09:38 am

dharmendra pandey

Pratibha Bank scheme closed open in colleges

Pratibha Bank scheme closed open in colleges

कटनी. कॉलेजों में शिक्षा का स्तर सुधारने व समाज के लोगों की भागीदारी बढ़ाने शुरू की गई एंबेसडर प्रोफेसर व प्रतिभा बैंक योजना लापरवाही के कारण दो साल से बंद हो गई है। जबकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जिलेभर के 10 सरकारी कॉलेजों में कार्यरत प्राध्यापकों से एंबेसडर प्रोफेसर बनाने के लिए आवेदन मंगाए थे। इसके बाद जिलेभर से 10 प्राध्यापकों को एंबेसडर प्रोफेसर बनाया गया था।
जानकारी के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग के अकादमिक और गुणवत्ता प्रकोष्ठ का कार्य सिर्फ एडमिशन कराने और प्रशासनिक कार्यों को निपटाने तक ही सीमित रह गया। इसके कारण साल 2011 में शुरू की गई एंबेसडर प्रोफेसर और प्रतिभा बैंक योजना दम तोड़ रही है। जिसके चलते उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किए गए बेहतर एजुकेशन के दावे फेल साबित हो रहे है। इतना ही नही विभाग की एक-दो योजनाएं ही ऐसी है जो चालू है। जिसकी मानिटरिंग की जाती है। जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण विभाग की यह योजना सिर्फ पोर्टल पर ही जिंदा होकर रह गई। योजना के संचालन को लेकर न तो विभाग में बैठे लोग ध्यान दें रहे हैं न ही कालेज प्रबंधन कोई कदम उठा रहा है।
यह थी प्रतिभा योजना:
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों में शुरू की गई योजना का मुख्य उद्देश्य था कॉलेजों को समाज से जोडऩे का। इस योजना के तहत हर एक कॉलेज प्रबंधन को स्थानीय स्तर पर प्रतिभावान लोगों को जोडऩा था। इसमें कवि, खिलाड़ी, साहित्यकार, डॉक्टर, बैंक अधिकारी, वैज्ञानिक, इंंजीनियर, संगीतकार, व्यापारी, रंगकर्मी व जागरुक किसान को शामिल करना था। कॉलेज से जुडऩे के बाद ये सभी लोग कॉलेज विकास को लेकर उचित मार्गदर्शन देते। इधर, योजना के शुरू होने के बाद जिले के सभी सरकारी कॉलेजों ने लोगों बैंकों का गठन तो किया था, लेकिन यह अधिक दिन तक नहीं चल सका। कुछ साल चलने के बाद बैंक बंद हो गया।
प्रोफेसर व छात्रों की समस्या का करते निदान:
एंबेसडर प्रोफेसर योजना को बनाने विभाग की मुख्य वजह थीं प्रोफेसर व छात्रों को होने वाली समस्या का निदान करना। बेहतर शिक्षा देना। एंबेसडर बनाए गए प्रोफेसर्स ने बताया कि एंबेसडर बने प्रोफेसर आवंटित कॉलेजों का दौरा करते। कार्य क्षेत्र का भी विस्तार होता। इसके साथ ही पढ़ाई व छात्रों सहित कॉलेज की भी समस्याओं का निदान करते। जिले में यह योजना 5 सात तक तो बेहतर ढंग से चली। इसके बाद यह योजना भी बंद हो गई। एंबेसडर प्रोफेसर भी गायब हो गए।

इनका कहना है
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एंबेसडर प्रोफेसर व प्रतिभा बैंक योजना शुरू की गई थी। जिले में लगभग पांच साल तक योजना बेहतर ढंग से संचालित हुई है। पिछले कुछ साल में कुछ नई योजनाएं आ गई। नियमित प्रोफेसर्स की भी कमीं बनी हुई है। जिसके चलते लगभग दो साल से योजना शिथिल हो गई है।
डॉ.चित्रा प्रभात, प्रभारी प्राचार्य, तिलक कॉलेज।
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