कटनीPublished: Jan 13, 2019 05:54:36 pm
mukesh tiwari
सालभर कराए करोड़ों के काम, ग्रामीण क्षेत्रों में फिर भी नहीं सुधरी व्यवस्था, बिजली विभाग ने सब स्टेशन निर्माण के साथ ट्रांसफार्मरों की भी बढ़ाई है क्षमता, कृषि फीडरों को नहीं मिल पा रही पर्याप्त बिजली
Bijli
कटनी. जिले में बिजली व्यवस्था के सुधार को लेकर मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युुत वितरण कंपनी ने सालभर करोड़ों रुपये के काम कराए हैं। जिसमें सब स्टेशनों के निर्माण के साथ ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही नए ट्रांसफार्मर भी लगाए हैं। करोड़ों रुपये के काम होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है। सबसे अधिक परेशानी रबी सीजन में कृषि फीडरों में है, जहां 10 घंटे बिजली न मिलने से किसानों को सिंचाई में परेशानी हो रही है।
विभाग ने जिले में वर्ष 2018 में आइपीडीएस योजना के तहत कैमोर, रोशन नगर, भरौली व खिरहनी क्षेत्र में तीन नए सब स्टेशन स्थापित किए हैं जबकि बरही में भी एक उपकेन्द्र चालू किया है। इसके अलावा 86 नए ट्रांसफार्मर लगाने के साथ ही 250 किमी. की नई लाइन खींचने का काम भी कराया है। 200 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने के साथ ही इतने ही ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी बढ़ाई है। उसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू फीडरों में 24 घंटे और कृषि फीडरों को 10 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है।
पठार के हाल बेहाल
बहोरीबंद के बाकल से लगे पठार क्षेत्र के दो फीडरों के दो दर्जन गांव बिजली की कटौती से परेशान हैं। खम्हरिया व इमलिया फीडर से लगे गांवों में 15 से 16 घ्ंाटे ही ग्रामीणों को बिजली मिल पा रही है। यहां कृषि फीडर अभी तक सेपरेट नहीं हैं। रात को 1 बजे से सप्लाई बंद होती है और सुबह 6 बजे शुरू की जा रही है। कृषि कार्य के लिए भी बिजली नहीं मिल पा रही है। बहोरीबंद क्षेत्र में भी कृषि फीडरों को 6 से 7 घंटे की सप्लाई हो रही है। स्लीमनाबाद मुख्यालय में सप्लाई ठीक हुई है लेकिन यहां भी कृषि फीडरों की स्थिति खराब है। भरदा बडख़ेरा व जुजावल में कृषि फीडर के ट्रांसफार्मर बिगड़े पड़े हैं और महीनों से उनका सुधार नहीं हो रहा है। रीठी तहसील मुख्यालय सहित गांवों में बिजली की आवाजाही परेशानी बनी हुई है।
ढीमरखेड़ा, उमरियापान में आवाजाही से परेशानी
ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बिजली की आवाजाही से लोग परेशान हैं। यहां दिनभर में कब बिजली बंद होगी और कब चालू होगी, इसका समय निर्धारित नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार मुख्यालय में लगभग 18 घंटे बिजली मिल रही है तो गांवों में मुश्किल से 12 घंटे बिजली की सप्लाई हो रही है। मेटीनेंस व सुधार के नाम पर यहां रोजाना बिजली बंद की जा रही है।
इनका कहना है…
जिले में बिजली व्यवस्था के सुधार को लेकर काम कराए गए हैं। जिन क्षेत्रों में थोड़ी बहुत परेशानी आ रही है, वहां फीडर सेपरेशन का भी काम हो रहा है। जहां भी परेशानी है, उसको भी दूर कराया जाएगा।
पीके मिश्रा, अधीक्षण अभियंता मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी