होटलों से अपलोड होने वाली ऐसी जानकारी को पुलिस ऑनलाइन ही वेरीफिकेशन करेगी और जरुरत पडऩे पर त्वरित कार्रवाई की योजना बनाएगी। इसके लिए कलेक्टर ने सभी संंबंधित संस्थानों को एक माह का समय दिया है।
आश्रम, वेडिंग हाउस, सर्किट हाउस, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, छात्रावास, होटल, लॉज, मोटल, पेइंग गेस्ट, रिजार्ट, रेस्ट हाउस और किराए पर दी जाने वाली पापर्टी के संचालकों को ठहरने वालों का पहचान पत्र और फोटो एमपी पुलिस की अतिथि डाट एमपीपुलिस डाट जीओवी डाट इन वेबसाइड पर अपलोड करनी होगी।
वर्तमान में होटल व अन्य स्थानों पर ठहरने वालों की जानकारी मैनुअली पुलिस को दी जाती है। इस व्यवस्था में समय लगता है, और कई बार अपराधी वारदात को अंजाम देकर दूर निकल जाते हैं। इस व्यवस्था को लेकर एसपी भी जिला प्रशासन को अवगत भी करा चुके हैं कि ठहरने वालों की जानकारी एकत्र होने में विलंब होता है और वारदात के बाद जांच पर असर पड़ता है।
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कलेक्टर एसबी सिंह के अनुसार सराय अधिनियम 1867 की धारा 05 के तहत आदेश जारी होने के एक माह में सभी संबंधित संस्थानों को वेबसाइड में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया गया है। इस आशय के आदेश 11 जुलाई को जारी किए गए हैं।
एसपी ललित शाक्यवार का कहना है कि एमपी पुलिस की अतिथि वेबसाइड में जानकारी अपलोड के बाद जरुरत पडऩे पर जांच में सुविधा होगी। एक माह बाद पता चलेगा कि इसमें कितने संस्थानों ने पंजीयन करवाया और कितने समय पर जानकारी अपलोड कर रहे हैं।