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आधे-अधूरे शौचालयों में एमपी का यह जिला हो गया था ओडीएफ!, पढिय़े स्वच्छता की हकीकत उजागर करने वाली खबर

locationकटनीPublished: Oct 20, 2018 11:51:05 am

Submitted by:

balmeek pandey

अब उपयंत्री, एडीओर निरीक्षण कर करा रहे पूरा, क्रॉस वेरीफिकेश के बाद अधिकारियों से मंगाई जा रही ओके रिपोर्ट

incomplete toilets became katni district ODF

incomplete toilets became katni district ODF

कटनी. 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर जिल को ओडीएफ (खुले शौच से मुक्त) घोषित कर दिया गया है। लेकिन चौकाने वाली बात तो यह है कि अधिकांश गांवों में शौचालय ऐसे हैं जो पूरे नहीं बने और ऑनलाइन रिपोर्ट में उन्हें पूरा होना बताकर जिले को न सिर्फ पोर्टल बल्कि हकीकत में भी ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने बकायदा प्रस्ताव पारित कर ओडीएफ की घोषणा कर सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है, अब जिले के अधिकारी जाकर उसे कंपलीट कराते हुए ओके रिपोर्ट जिला पंचायत में जमा कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार उपयंत्री, एडीओ, पीसीओ, सुपरवाइजर, डीडीओ, बीसी गांव-गांव जाकर स्वच्छता की हकीकत को जान रहे हैं। जिन गांवों में शौचालय आधे-अधूरे हैं उन्हें पूरा कराया जा रहा है। बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2011 में हुये बेसलाइन सर्वे के आधार पर जिले में 2 अक्टूबर 2014 से 1 लाख 88 हजार 495 प्रसाधनों का निर्माण होना था। इतने हितग्राहियों के यहां प्रसाधन निर्माण कराकर उसे खुले शौच से रोककर स्वच्छता की अलख जगाई गई है। अभियान के तहत जिला पंचायत ने ग्राम पंचायत सहित अन्य विभागों के सहयोग से टारगेट को एचीव किया गया है।

दूसरे ब्लॉक में जा रहे अधिकारी
खास बात यह है कि अधूरे प्रसाधनों के निर्माण कराने व ओके रिपोर्ट जारी करने के लिए अधिकारियों को उनके ही ब्लॉक में नहीं बल्कि दूसरे ब्लॉकों में भेजा जा रहा है, ताकि गड़बड़ रिपोर्ट होने पर सीधे कार्रवाई की जा सके। क्रॉस वेरीफिकेश की रिपोर्ट भी अधिकारियों को पावती के साथ जिला पंचायत में सबमिट करनी पड़ रही है। जिले में लगभग 500 प्रसाधन ऐसे रह गए थे जो आधे-अधूरे थे, लेकिन उन्हें पूर्ण होना बता दिया गया था।

यह है प्रसाधन निर्माण की स्थित
ब्लॉक प्रसाधन निर्माण
बड़वारा 32723 32723
बहोरीबंद 40922 40922
ढीमरखेड़ा 32855 32855
कटनी 26692 26692
रीठी 23883 23883
विगढ़ 31420 31420
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योग- 188495 188495
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इनका कहना है
जिले में चार-पांच सौ प्रसाधन आधे-अधूरे बने थे, उन्हें पूर्ण कराकर ओके रिपोर्ट मंगाई जा रही है। उपयंत्री, एडीओ, पीसीओ, सुपरवाइजर, डीडीओ और बीसी इस अभियान में लगे हुए हैं।
राजेश तिवारी, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन।

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