ठगों के चक्कर में फंस कर रुपया लुटाने के बाद मदद के लिए कई लोग पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। तो कई नाम बदनाम होने के डर से शिकायत ही नहीं दर्ज कराते। इधर, थाना पहुंचने पर पुलिस रिपोर्ट तो दर्ज कर रही है, लेकिन कई मामलों में गिरोह को पकडऩे में नाकाम साबित हो रही है। पकडऩे गई पुलिस का खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
केस-१
दो लाख रुपये का शिक्षक हुआ शिकार:
जिले के बड़वारा निवासी मान सिंह एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है। करीब २०-२५ दिन पहले उनके पास ऑनलाइन के माध्यम से टॉवर लगवाने का मैसेज आया। किश्त में पैसा जमा करने की बात कहीं गई। शिक्षक सिंह लालच में आ गए। ठग द्वारा दिए गए खाता नंबर पर दो लाख रुपये जमा कर दिए। इसके बाद कुछ दिन तक तो टॉवर लगाने के लिए कोलकाता से आने वाली कंपनी का इंतजार किया। इस बीच कोलकाता से जिस नंबर से फोन आया था वह भी बंद हो गया। इसके बाद शिक्षक को लगा की वह धोखा खा गया और बड़वारा थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस पता लगाने कोलकाता गई, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
केस-२:
प्रापर्टी डीलर को ढाई लाख रुपये का लगाया चूना:
माधवनगर थाना अंतर्गत झिंझरी निवासी एक प्रापर्टी डीलर भी ऑनलाइन ठग गिरोह के झांसे में आ गया। टॉवर लगवाने के नाम पर गिरोह से उससे ढाई लाख जमा करा लिए। कई माह तक जब टॉवर नहीं लगा और नंबर भी बंद बताया। तब कारोबारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुटी। राजस्थान गई। यहां से दो आरोपियों को पकड़कर लाई। जिसमें पता चला कि गिरोह का सरगना दिल्ली का है।
केस-३
दो पेट्रोल पंप संचालकों को लगाया १ लाख ५ हजार रुपये का शिकार:
ऑनलाइन ठगों ने दो पेट्रोल पंप संचालकों को भी ठगी का शिकार बनाया। इसके लिए आरोपियों ने पहले कंट्रोल रूम से नंबर लिया। इसके बाद एएसपी बन विजयराघवगढ़ व स्लीमनाबाद में पेट्रोल पंप चलाने वाले संचालकों से १ लाख ५ हजार रुपये ऐठ लिए। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुटी। ट्रूकॉलर में राजस्थान का नंबर होने पर आरोपियों को पकडऩे पुलिस का दल रवाना हुआ।
झांसे में न आए लोग:
यदि किसी भी व्यक्ति के पास अपरिचित का फोन आता है और किसी भी प्रकार के ऑफर दिए जाते है। तो उसके लालच में न आए। किसी भी व्यक्ति को खाता नंबर व कोई भी दूसरी जानकारी न दें। पहले पुलिस को सूचना दें। ऑनलाइन ठगी के गिरोह का पता लगाने के लिए खोजबीन जारी है। जल्द ही मामलों का खुलासा किया जाएगा।
संदीप मिश्रा, एएसपी।