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सुविधा शुल्क में हो गई बढ़ोत्तरी, सुविधाओं से महरूम सैकड़ों मरीज, हैरान की देगा आपको अस्पताल का ये नजारा

locationकटनीPublished: Sep 02, 2018 04:50:49 pm

Submitted by:

balmeek pandey

जिला अस्पताल में आइपीडी, ओपीडी सहित अन्य चार्ज बढ़ाए जाने के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्थाएं, बेहतर उपचार तो दूर पलंग और गद्दे भी नहीं हो रहे सनीब, जिम्मेदार बेखबर

Disturbances in the District Hospital

Disturbances in the District Hospital

कटनी. जिला अस्पताल की चौखट पर मर्ज लेकर पहुंचने वाले मरीजों और उसके परिजनों को यही आस होती है कि कलियुग के भगवान उसके मर्ज को हर लेंगे, लेकिन अस्पताल में मर्ज का उपचार तो दूर मरीज मूलभूत सुविधाओं से भी मरीज महरूम हैं। हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों से लिए जाने वाले सेवा शुल्क में बढ़ोत्तरी कर दी गई है, बावजूद इसके व्यवस्थाएं नहीं सुधरी। अस्पताल में मरीजों को बेहतर उपचार तो दूर पलंग, गद्दे और चादरें तक नसीब नहीं हो रहीं। अव्यवस्था के बीच मरीजों का मर्ज कम होने की बजाय बढ़ जा रहा है। इसकी मुख्य वजह है चिकित्सकों द्वारा मरीजों का प्रॉपर मॉनीटरिंग न करना व सफाई व्यवस्था दुरुस्त न रहना। गंदगी के कारण मरीजों में संक्रमण और भी प्रबल हो रहा है। इस ओर न तो अस्पताल प्रबंधन का ध्यान है और ना ही जिला प्रशासन का।

इन सुविधाओं का बढ़ा शुल्क
अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों का पंजीयन शुक्ल (ओपीडी) 5 रुपए से बढ़ाकर सीधे 10 रुपए कर दी गई है। भर्ती शुल्क 45 रुपए से 50 रुपए कर दिया गया है। प्राइवेट रूम का 120 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए चार्ज किया गया है। आइसीयू शुल्क भी 250 से 500 रुपए कर दिया गया है। ब्लड ट्रांसफर चार्ज 600 से बढ़ाकर 1050 कर दिया गया है। डायलिसिस शुक्ल भी बढ़ा दिया गया है, लेकिन सुविधओं में बढ़ोत्तरी नहीं हुई। मरीज वहीं फटेहाल व्यवस्थाओं में गंदगी के बीच पड़े रहकर उपचार करा रहे हैं।

खास-खास
– अस्पताल के वार्ड में नहीं होती नियमित सफाई, वार्डों व प्रसाधनों में हर समय बनी रहती है दुर्गंध की स्थिति।
– मरीजों का दिन में तीन बार की बजाय ब मुश्किल एक बार लिया जाता है फॉलोअप, दवाएं भी नहीं मिलती समय पर।
– शुल्क बढ़ाने के बाद भी नहीं सुधरीं आइसीयू और प्राइवेट रूम की स्थिति, चिकित्सकों की कमी भी बन रही उपचार में बाधक।


यह है उपचार की स्थिति
केस 01
बगैर इलाज छुट्टी की सलाह
जनरल वार्ड में दशरथ पिता दयाली रैदास 55 निवासी शाहनगर को सीने में दर्द होने पर गुरुवार की सुबह 11 बजे परिजनों ने भर्ती कराया। शुक्रवार को चिकित्सक उसे ठीक बताते हुए बगैर उपचार के डिस्चार्ज करने की बात कह दी। जबकि अभी भी उसको तकलीफ बनी हुई है।

केस 02
कम होने की बजाय बढ़ गया मर्ज
आशाराम पिता सुधुआ चौधरी 40 निवासी गुगड़ी थाना अमदरा 4 दिन से जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती है। परिजनों ने उल्टी-दस्त की समस्या होने पर भर्ती कराया था। उल्टी तो ठीक हो गए हैं, लेकिन उसके गैस की समस्या गंभीर हो गई है।

केस 03
बुद्धी बाई पति मिलन चौधरी 38 निवासी पहाड़ी की तबियत खराब होने पर गुरुवार रात को भर्ती कराया गया है। मरीज को भर्ती हुए 24 घंटे से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन उसे बेहतर उपचार तो दूर बेड और बेडशीट तक नसीब नहीं हुई।

इनका कहना है
अभी कुछ दिनों पहले 60 गद्दे और 800 बेडशीट मंगवाई गई हैं। धीरे-धीरे मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। रोगी कल्याण समिति में प्रतिमाह लगभग डेढ़ लाख रुपए आता है, एक लाख रुपए तो सिर्फ ठेका कंपनी और एक लाख रुपए वेतन में खर्च हो रहा है। मरीजों को बेहतर उपचार मिले इस ओर फोकस किया जा रहा है।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।

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