scriptgold mine: 17 साल पहले से कंपनी की नजर, सरकार की नीलामी प्रक्रिया के बाद बेंगलुरु की कंपनी ने किया दावा, मांगी जानकारी | Company has been eyeing the gold mine since 17 years | Patrika News
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gold mine: 17 साल पहले से कंपनी की नजर, सरकार की नीलामी प्रक्रिया के बाद बेंगलुरु की कंपनी ने किया दावा, मांगी जानकारी

कटनी के इमलिया और सिंगरौली में सोना खदान को लेकर प्रदेश सरकार ने जुलाई माह में निकाली है नीलामी सूचना

कटनीSep 28, 2019 / 10:28 am

raghavendra chaturvedi

राघवेंद्र चतुर्वेदी @ कटनी. जिले के ग्राम इमलिया में सोना खदान को लेकर प्रदेश सरकार ने भले ही जुलाई माह में नीलामी सूचना निकाली है लेकिन यहां की सोना खदान पर कंपनियों की नजर 17 साल पहले से थी। नीलामी सूचना निकलने के बाद बैंगलोर की एक कंपनी ने 17 साल पहले खनिज विभाग द्वारा सोना खदान को लेकर स्वीकृत पूर्व परीक्षण अनुज्ञप्ति को आधार मानकर दावा किया है। जानकारी मांगी है।
कंपनी के दावा के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों ने साल 2008 में कटनी कलेक्टर द्वारा अनुज्ञप्ति निरस्ति की सूचना तो दे दी है, लेकिन भविष्य में सोना खदान संचालन में किसी प्रकार की अड़चन नहीं आए इसके लिए प्रमुख सचिव खनिज 28 सितंबर को प्रकरण पर अंतिम सुनवाई करेंगे।
खनिज अधिकारी कटनी संतोष सिंह के अनुसार मैसर्स जियो मैसूर सर्विसेस (इंडिया) प्रा. लिमिटेड कोरामंगला बेंगलुरु द्वारा 29 जुलाई को दिए गए पत्र पर 17 सितंबर को प्रकरण की सुनवाई नियत की गई थी। आवेदक द्वारा अगली तिथि की मांग के बाद प्रमुख सचिव ने 28 सितंबर को अंतिम अवसर प्रदान कर प्रकरण निराकृत करने के निर्देश दिए हैं। इस पर हम एक अधिकारी को भोपाल भेज रहे हैं।
मैसर्स जियो मैसूर सर्विसेस (इंडिया) प्रा. लिमिटेड कोरामंगला बेंगलुरु ने 29 जुलाई को पत्र देकर कहा कि 5 जुलाई 2019 कटनी के इमलिया ग्राम जिस सोना खदान की नीलामी सूचना निकली है। उसमें खनिज विभाग भोपाल से 10 अक्टूबर 2002 को 1480 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लिए 2002 से 2005 तक तीन वर्ष की अवधि के लिए पूर्व परीक्षण (आरपी) स्वीकृत की गई थी। इसके बाद 17.80 वर्गकिलोमीटर के लिए 7 जनवरी 2005 को पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
11 साल पहले कलेक्टर ने निरस्त किया था आवेदन
इमलिया में सोना खदान को लेकर विभाग का दावा है कि कंपनी द्वारा 7 जनवरी 2005 को चाही गई पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति के प्रपत्र में कई कमियां थी। कमियों को पूरा करने के लिए कंपनी को कई पत्र लिखा गया। इसके बाद 18 फरवरी 2008 से सकारण पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति आवेदन को निरस्त करने के लिए कलेक्टर ने शासन को प्रस्ताव भेजा।
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