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कटनी

यात्रियों से भरी बस का अचानक ब्रेक फेल, मची भगदड़

100मीटर दूर पीछे जाकर खड़े ऑटो से टकराई, टला हादसा, बरही बस स्टैंड की घटना
 

कटनीOct 05, 2018 / 10:23 pm

dharmendra pandey

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कटनी. कैमोर से उमरिया जिले के पॉली जा रही एक यात्री बस में उस समय भगदड़ मच गई, जब उसका ब्रेक ही फेल हो गया। बस में लगभग 40 से अधिक यात्री सवार भी थे। ढलान होने के कारण बस लगभग 100 मीटर पीछे जाकर खड़े एक ऑटो से जा टकरा गई। जिसके चलते ऑटो पूरी तरह से क्षतिग्र्रस्त हो गया। हालांकि ऑटो में कोई भी व्यक्ति सवार नहीं था। जिसके चलते एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। घटना थाना क्षेत्र बरही बस स्टैंड की है।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह मिश्रा बस सर्विस की बस क्रमांक एमपी20पीए0608 कैमोर से खितौली-बरही होते हुए उमरिया जिले के पाली जा रहीं थी। बरही स्टैंड पर पहुंचते ही बस का अचानक ब्रेक फेल हो गया। बस में सवार 40 से अधिक यात्रियों के बीच चीक पुकार मच गई। ढलान में बे्रक फेल होने के कारण पिछलकर बस 100 दूर सड़क पर खड़े एक ऑटो से जा टकराई। टक्कर लगते ही ऑटो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। बस के पिछलते ही स्टैंड में मौजूद लोगों के बीच भगदड़ मच गई। ऑटो से टकराने के बाद बस भी खड़ी हो गई। इसके बाद बस में सवार यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बस में सवार किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इसके साथ ही ऑटो में भी कोई यात्री सवार नहीं था। जिसके चलते किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
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इधर,
मारपीट के दो आरोपी को एक साल की जेल

प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सुनाया फैसला

कटनी. प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मारपीट के मामले में दो आरोपी को एक साल की सजा का फैसला सुनाया हैं। साथ ही 1500 सौ रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। एडीपीओ मनोज पटेल ने बताया कि 22 जून 2013 को पीडि़त विशंभर दीवाल गिरा रहा था। इस बीच नारायण मकान की दीवाल तोड़ छत पर बैठा रहा। विशंभर ने नारायण को मना किया, लेकिन वह नहीं माना। दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। इस बीच नीतू व ऊषा बचाव करने पहुंची। पास ही खड़े बसंत उर्फ बसंतालाल ने ल_ से हमला कर दिया। नीतू व ऊषा दोनों घायल हो गई। माधवनगर थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने 323/34 व 325/34 के तहत प्रकरण दर्ज किया। इसके बाद मामला अदालत पहुंचा। साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने नारायण व बसंत को दोषी माना और एक-एक साल की सजा का फैसला सुनाया।
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