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विजयादशमी पर आरएसएस ने पथ संचलन कर दिखाई अपनी ताकत

locationकासगंजPublished: Sep 30, 2017 11:31:29 am

विजयादशमी के मौके पर हर बार की तरह इस बार भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तमाम कार्यकर्ताओं ने पथ संचलन कर अपनी ताकत दिखाई।

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कासगंज। विजयादशमी के मौके पर हर बार की तरह इस बार भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तमाम कार्यकर्ताओं ने पथ संचलन कर अपनी ताकत दिखाई। पथ संचलन कासगंज शहर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। कासगंज शहर के प्रभु पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्रित हुए। सभी कार्यकर्ता संघ के मुताबिक अनुशासन और वर्दी भी दुरुस्त दिखाई दी। सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने इस बार भी पूरी पारंपरिक रुप से एकत्रित होकर राष्ट्रीय समस्याओं पर विचार विमर्श व्यक्त करने के बाद सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने एक साथ पूरी गर्म जोशी के साथ संघ के ध्वज को प्रणाम किया और बाद में सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने पूर्ण गणवेश को पहनकर कासगंज के प्रमुख मार्गों से होते हुए नगर में संघ के घोष बजाते हुए अपना पथ संचलन निकाला।

यहां से हुई शुुरुआत
इस पथ संचलन की शुरूआत कासगंज शहर के नदरई गेट स्थित प्रभु पार्क मैदान से की गई। बता दें इस पथ संचलन में हर उम्र के व्यक्ति ने हिस्सा लिया और पथ संचलन में इस बार छोटे छोटे बच्चों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। पथ संचलन में वे भी बड़े लोगों के साथ साथ छोटे छोटे बच्चे भी पथ संचलन निकालते समय उत्साह से काफी लबरेज देखे गए। वहीं इस पथ संचलन के दौरान पुलिस प्रशासन भी अलर्ट रहा और पुलिस ने इस पथ संचलन शहर में निकलने के दौरान बड़े वाहनों का रूट भी डायवर्जन किया और शहर के अंदर ई रिक्शा और बड़े छोटे वाहन भी जाने से रोक दिए और मुख्य मार्गों पर बेरियर भी लगाए गए।
इसलिए निकालते हैं पथ संचलन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता दीप चंद माहेश्वरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन 1925 में हुई थी और यह पथ संचलन शौर्य का प्रतीक भी है और हमारे संघ के कार्यकर्ता एक अनुशासन में नगर में पथ संचलन करते हैं। ये किसी को दिखाना हमारा उद्देश्य नहीं है। अपने अंदर जो अनुशासन का भाव है, वो जागरूक रहता है और समय समय पर हमने देखा है, कि विदेशों द्वारा जो आक्रमण हम पर हुए थे, चौबीसों साल में बारह सौ आक्रमण हुए थे, जो ओर दो साल में एक आक्रमण ऐसा हुआ देश की रचना भिन्न भिन्न हुई थी, क्योंकि हमें अपने पूर्वजों पर ओर अपने गौरव पर गर्व होना चाहिए, वो हमने छोड़ दिया था तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसे ही भाव उतपन्न करता है।
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