भगवान वराह की धर्मस्थली और पौराणिक मेला मार्गशीर्ष मेले के पांचवें दिन पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। तीर्थनगरी में गेस्टहाउस से लेकर धर्मशालाएं खचाखच भर गई थी। राजस्थान, बंगाल, मध्यप्रदेश समेत प्रदेश के तमाम जिलों से आए श्रद्धालुओं ने शनिवार की भोर की किरण के साथ ही हरपदीय गंगा में श्रद्धाभाव के साथ डुबकी लगाई। बाद में पूजा अर्चना कर बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया। इस मौके पर हरपदीय गंगाघाट हर-हर गंगे के उद्घोषों से गुंजायमान हो गया। बाद में सोरों तीर्थनगरी में लगे मार्गशीर्ष मेले में श्रद्धालुओं ने जमकर सामान की खरीददारी की। बच्चों ने चरख झूलों पर झूल कर मेले में मौज मस्ती की।
ये है मेले का महत्व
हरपदीय मां गंगा पुजारी ने बताया कि सोरों तीर्थनगरी में मार्गशीर्ष मेले में स्नान करने का खास महत्व है। यहां एकादशी को भगवान बराह ने हिरण्याक्ष का वध कर द्वादशी को इस कुंड में प्राण त्याग दिए थे। तभी से इस कुंड में जो लोग पूर्वजों की अस्थियां और पिंडदान करते हैं। यहां विसर्जित की गई अस्थियां मात्र 72 घंटे में पानी में घुल मिल जाती है। यहां स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और परिवार के लोग सदा सुखी रहते हैं, ऐसी मान्यता है।
हरपदीय मां गंगा पुजारी ने बताया कि सोरों तीर्थनगरी में मार्गशीर्ष मेले में स्नान करने का खास महत्व है। यहां एकादशी को भगवान बराह ने हिरण्याक्ष का वध कर द्वादशी को इस कुंड में प्राण त्याग दिए थे। तभी से इस कुंड में जो लोग पूर्वजों की अस्थियां और पिंडदान करते हैं। यहां विसर्जित की गई अस्थियां मात्र 72 घंटे में पानी में घुल मिल जाती है। यहां स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और परिवार के लोग सदा सुखी रहते हैं, ऐसी मान्यता है।
31 दिसम्बर तक चलेगा मेला
सोरों तीर्थनगरी में 16 दिसम्बर से शुरू हुआ मार्गशीर्ष मेले का समापन 31 दिसम्बर को होगा। इन दिनों मेला पूरे शवाब पर है। श्रद्धालुओं के आने जाने का सिलसिला जारी है। प्रशासन की वाहन पार्किंग व्यवस्था ठीक से न होने के कारण रोज जाम की व्यवस्था बनी रहती है।
सोरों तीर्थनगरी में 16 दिसम्बर से शुरू हुआ मार्गशीर्ष मेले का समापन 31 दिसम्बर को होगा। इन दिनों मेला पूरे शवाब पर है। श्रद्धालुओं के आने जाने का सिलसिला जारी है। प्रशासन की वाहन पार्किंग व्यवस्था ठीक से न होने के कारण रोज जाम की व्यवस्था बनी रहती है।
ये भाजपा नेता एकादशी से पूर्णिमा तक करते हैं भंड़ारा
सोरों मार्गशीर्ष मेले में दानपुण्य करने का विशेष महत्व है। इसी क्रम में बीजेपी नेता रामेश्वर दयाल महेरे सोरों निवासी कई वर्षो से दानपुण्य करते चले आ रहे है। उनके इस पुण्य कार्य की चर्चा जिले भर में बनी हुई है। उनका कहना है कि मार्गशीर्ष एकादशी से भंडारे का आयोजन कर पूर्णिमा के दिन वस्त्र, खिचड़ी, भोजन कराकर समापन करते हैं। उनका सहयोग करने वालों में रामकृष्ण उपाध्याय, हरि महेरे, विकास निर्भय, नीरज महेरे, योगेश महेरे शामिल रहे।
सोरों मार्गशीर्ष मेले में दानपुण्य करने का विशेष महत्व है। इसी क्रम में बीजेपी नेता रामेश्वर दयाल महेरे सोरों निवासी कई वर्षो से दानपुण्य करते चले आ रहे है। उनके इस पुण्य कार्य की चर्चा जिले भर में बनी हुई है। उनका कहना है कि मार्गशीर्ष एकादशी से भंडारे का आयोजन कर पूर्णिमा के दिन वस्त्र, खिचड़ी, भोजन कराकर समापन करते हैं। उनका सहयोग करने वालों में रामकृष्ण उपाध्याय, हरि महेरे, विकास निर्भय, नीरज महेरे, योगेश महेरे शामिल रहे।