बैल की तेरहवीं करेंगे
तीर्थ पुरोहित उमेश पाठक ने पिंडदान क्रिया का सम्पन्न किया, और पिंडदान क्रिया से पहले भाइयों ने अपने सिर मुंडवाए। भवानी सिंह ने बताया कि वे गांव में बैलों की तेरहवीं संस्कार करेंगे, जिसके लिए भोज के निमंत्रण का कार्ड भी बनवाया गया है। तेरहवीं भोज में लगभग तीन हजार लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। बैलों की अस्थियां मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से लाई गई थीं।
तीर्थ पुरोहित उमेश पाठक ने पिंडदान क्रिया का सम्पन्न किया, और पिंडदान क्रिया से पहले भाइयों ने अपने सिर मुंडवाए। भवानी सिंह ने बताया कि वे गांव में बैलों की तेरहवीं संस्कार करेंगे, जिसके लिए भोज के निमंत्रण का कार्ड भी बनवाया गया है। तेरहवीं भोज में लगभग तीन हजार लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। बैलों की अस्थियां मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से लाई गई थीं।
परिवार की सदस्य की तरह पालते थे
भवानी सिंह ने बताया कि किसान उनके परिवार के सदस्यों की तरह बैलों को पालते थे और उनके साथ बहुत लगाव था, जिसे वहने उन्होंने अपनी अस्थियों की विसर्जन सहित पिंडदान क्रिया के माध्यम से आदान-प्रदान किया।
भवानी सिंह ने बताया कि किसान उनके परिवार के सदस्यों की तरह बैलों को पालते थे और उनके साथ बहुत लगाव था, जिसे वहने उन्होंने अपनी अस्थियों की विसर्जन सहित पिंडदान क्रिया के माध्यम से आदान-प्रदान किया।