script8 साल से बैल की अस्थियां संभालकर रखा, पिंडदान कर गंगा में विसर्जित किया; अब होगी तेरही | Kept the bones of the bull safely for 8 years, performed Pind Daan | Patrika News
कासगंज

8 साल से बैल की अस्थियां संभालकर रखा, पिंडदान कर गंगा में विसर्जित किया; अब होगी तेरही

दो भाइयों ने बैलों का पिंडदान करके अस्थियां गंगा में विसर्जित कर दिया। अब गांव वालों को तेरहवीं भोज कराएंगे।

कासगंजDec 25, 2023 / 04:38 pm

Upendra Singh

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मामला कासगंज के बाग गांव का है। बाग गांव के दो भाइयों ने अपने बैलों की अ‌‌स्थियां लेकर सारों पहुंच गए। पुरोहित हरिपदी पर पिंडदान कराया। बैलों की अस्थियां गंगा में विसर्जित की। अब बाग का खेड़ा गांव में तेरहवीं भोज होगा। भवान सिंह और उल्फत ‌सिंह ने बताया कि उनके दो बैलों का नाम माना और श्यामा था। 26 जनवरी को उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद बैलों का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद ‌पिंडदान करके बैलों की अस्थियां लेकर सोरों लौटे।
बैल की तेरहवीं करेंगे
तीर्थ पुरोहित उमेश पाठक ने पिंडदान क्रिया का सम्पन्न किया, और पिंडदान क्रिया से पहले भाइयों ने अपने सिर मुंडवाए। भवानी सिंह ने बताया कि वे गांव में बैलों की तेरहवीं संस्कार करेंगे, जिसके लिए भोज के निमंत्रण का कार्ड भी बनवाया गया है। तेरहवीं भोज में लगभग तीन हजार लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। बैलों की अस्थियां मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से लाई गई थीं।
परिवार की सदस्य की तरह पालते थे
भवानी सिंह ने बताया कि किसान उनके परिवार के सदस्यों की तरह बैलों को पालते थे और उनके साथ बहुत लगाव था, जिसे वहने उन्होंने अपनी अस्थियों की विसर्जन सहित पिंडदान क्रिया के माध्यम से आदान-प्रदान किया।
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