ये है मान्यता स्वामी विदेहानन्द गिरी जी महाराज ने बातचीत में बताया कि हिरण्याक्ष नाम का राक्षस जब समूची पृथ्वी को पाताल लोक में ले गया तब देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने वाराह यानी शूकर का रूप रख पाताल में प्रवेश कर हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को मुक्त कराया। पृथ्वी को अपने मुख के अग्र भाग पर रख कर सोरों नगरी में प्रकट हुए। इस कारण प्रतिवर्ष भगवान वाराह का यह प्राकट्योत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
मकान की दीवार ढही, पड़ोसी की मौत घटना सहावर थाना क्षेत्र के बोंदर गांव की है। यासीन पुत्र माव खां रोजाना की तरह अपनी भैंसों को रखवाली के लिए तबेले में सो रहा था। इसी बीच पड़ोसी शब्बीर पुत्र लाल मोहम्मद का मकान अचानक भरभराकर गिर पड़ा। जिससे यासीन की मलबे में दब गए। उन्हें मलबे से बाहर निकाला, तब तक काफी देर हो चुकी थी। यासीन की मौत हो गई। फिलहाल सहावर प्रशासन ने यासीन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं मृतक यासीन के परिजनों को दैवीय आपदा कोष से चार लाख रूपये सहायता राशि के रूप में देने का भरोसा दिलाया है।