कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल ने आज यह मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान सदन में उठाया। दलाल ने चीनी मिलों की तरफ किसानों की बकाया राशि और सरकार द्वारा दागी मिलों के विरूद्ध की गई कार्रवाई के बारे में सरकार से पूछा। जिसका जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री ने बताया कि 31 जनवरी 2019 तक राज्य की 11 सहकारी चीनी मिलों की तरफ किसानों का 343.89 करोड़ व तीन निजी चीनी मिलों की तरफ किसानों का 281.21 करोड़ रुपए बकाया है।
इस मिल के सिर पर इतना भार
मंत्री ने बताया कि पानीपत सहकारी चीनी मिल की तरफ 19.78 करोड़, रोहतक चीनी मिल की तरफ 58.56 करोड़, करनाल चीनी मिल की तरफ 26.51 करोड़, सोनीपत चीनी मिल की तरफ 18.52 करोड़, शाहबाद चीनी मिल की तरफ 48.11 करोड़, जींद चीनी मिल की तरफ 28.63 करोड़, पलवल चीनी मिल की तरफ 23.52 करोड़, महम चीनी मिल की तरफ 35.84 करोड़, कैथल चीनी मिल की तरफ 32.84 करोड़, गोहाना चीनी मिल की तरफ 33.99 करोड़ व असंध चीनी मिल की तरफ 17.59 करोड़ बकाया है।
दूसरी तरफ निजी चीनी मिली की हालत इससे भी बदतर है। किसानों द्वारा आंदोलन किए जाने के बाद हरियाणा सरकार यमुनानगर की सरस्वती शुगर मिल को कई बार वित्तीय सहायता प्रदान कर चुकी है। इसके बावजूद इस मिल की तरफ किसानों के सर्वाधिक 125.32 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसी तरह पिकाडली शुगर मिल भादसों की तरफ 59.03 करोड़ तथा नारायणगढ़ चीनी मिल की तरफ किसानों के 96.86 करोड़ रुपए बकाया खड़े हैं। सहकारिता मंत्री ने सदन को बताया कि सभी चीनी मिलों को चालू सीजन के दौरान किसानों को बिना किसी विलंब के भुगतान करने के निर्देश जारी किए गए हैं।