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हरियाणा सरकार ने पहली बार दो-तिहाई सजा पूरी करने वाले 44 कैदी रिहा किए, पेरोल पर छोडे गए इतने कैदी अभी तक नहीं लौटे

locationकरनालPublished: Nov 13, 2018 06:37:36 pm

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Prateek

प्रदेश के आवास एवं जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी…

(करनाल): हरियाणा की मौजूदा सरकार ने पहली बार दो-तिहाई सजा पूरी कर चुके 44 कैदी रिहा किए है। यह रिहाई राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर की गई है। प्रदेश के आवास एवं जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।

 

 

उन्होंने बताया कि राज्य की जेलों से पेरोल पर छोडे गए 210 कैदी लौटे नहीं है। प्रदेश की जिला जेल करनाल व फरीदाबाद में ओपन एयर कैंपस स्थापित किए जाने की योजना भी है। इस योजना के तहत जेल से बाहर 30-32 मकान बनाए जाएंगे जहां बंदी अपने परिवार के साथ रह सकेंगे और बाहर जाकर छोटा-मोटा काम भी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि ये मकान ऐसे बंदियों को दिए जाएंगे जिनका व्यवहार अच्छा होगा।


यहां हो रहा नई जेल का निमार्ण

उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश की जेलों में लगभग 18,230 बंदियों को रखने की क्षमता है और इस समय लगभग 19,860 बंदी जेलों में बंद हैं। उन्होंने बताया कि इस जरूरत के मद्येनजर पानीपत, रेवाड़ी और नूह में नई जेलों का निर्माण किया जा रहा है जिनकी क्षमता एक-एक हजार बंदियों की होगी। इसके अलावा, जिला जेल जीन्द व सिरसा में तीन-तीन अतिरिक्त पुरुष बैरकों का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह, जिला जेल भिवानी में 5 पुरुष बैरकों व एक महिला बैरक का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

 

अब तक लगाए इतने जैमर, आगे इतने लगाने की योजना

उन्होंने बताया कि हरियाणा की सभी जेलों के लिए 140 मोबाइल फोन जैमरों की आवश्यकता है। प्रथम चरण में, 6.76 करोड़ रुपये की लागत से झज्जर, सोनीपत, अम्बाला और गुरुग्राम में 4जी जैमर लगाए जा रहे हैं। दूसरे चरण में, 17.53 करोड़ रुपये की लागत से जिला जेल रोहतक में 11 तथा गुरुग्राम में 17 4जी जैमर लगाने की योजना है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में कुल 19 जेल हैं जिनमें से तीन जेल- अम्बाला, हिसार-1 और हिसार-2 केन्द्रीय जेल हैं।


उन्होंने बताया कि पहले कैदियों को उनके परिजनों से सप्ताह में 10 मिनट दूरभाष पर बात करने की अनुमति थी। मौजूदा सरकार ने पुरुषों के लिए बात करने का समय सप्ताह में 10 मिनट से बढ़ाकर 35 मिनट और महिला कैदियों के लिए 60 मिनट किया है। इसके अलावा, तेरह जेलों में वीडियो कॉलिंग की सुविधा भी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि जेलों में बंदियों के खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाता है। उन्हें दिये जाने वाले आहार में राजमा, काला चना तथा सफेद चना को शामिल किया गया है। बन्दियों को खाने में सप्ताह में एक बार राजमा, काले चने, सफेद चने, मूंग दाल, मसूर दाल, चना दाल तथा उड़द की दाल दी जाती है। एक बंदी को 350 ग्राम की छः रोटियां और साथ में दाल दी जाती है। इसके अलावा, बंदियों को दूध और खीर भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर भोजन की जांच भी की जाती है।

 

उन्होंने बताया कि हरियाणा आवास बोर्ड ने मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब तक 19,356 फ्लैट्स का निर्माण किया है और प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग श्रेणियों के लगभग 5,000 मकान निर्माणाधीन हैं। मकानों के निर्माण पर अब तक लगभग 550 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।


पंवार ने कहा कि एक नई योजना के तहत नगर एवं ग्राम आयोजना, शहरी स्थानीय निकाय तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से लगभग 400 एकड़ भूमि का प्रबंध मकान बनाने के लिए किया गया है और आगामी वर्ष 2019-20 तक पूर्व सैनिकों, कर्मचारियों और ईडब्ल्यूएस के लिए गुरुग्राम, करनाल और हिसार में लगभग 6000 मकान बनाने की योजना है। इसी प्रकार, गुरुग्राम में बीपीएल के लगभग 1700 फ्लैट बनाने की सरकार की योजना है जिसके लिए लगभग 2500 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

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