दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हालही में हरियाणा के स्कूलों का दौरा करके स्कूलों की वास्तविक स्थिति के बारे में प्रदेश के लोगों को अवगत करवाया था। अब केजरीवाल के निशाने पर हरियाणा में चल रहे सरकारी अस्पताल व डिस्पैंसरियां हैं। अरविंद केजरीवाल हरियाणा की सभी सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुके हैं। जिसके चलते वह हरियाणा गठन के 52 साल बाद स्कूल व अस्पताल को चुनावी मुद्दा बनाकर यहां सत्ता संभालने वाले सभी राजनीतिक दलों को घेरना चाहते हैं।
अरविंद केजरीवाल के हरियाणा दौरे के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक को हल्ला क्लीनिक करार दिया था। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल ने मनोहर लाल को दिल्ली में आकर मोहल्ला क्लीनिक देखने की चुनौती दी थी। जिसे मनोहर लाल ने सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान स्वीकार कर लिया था।
इसके बाद इस मुद्दे पर लगातार राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने एक नवंबर को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता का आयोजन करके मनोहर लाल द्वारा उनकी चुनौती को स्वीकार किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए उन्हें दिल्ली आने का न्यौता दिया था। इसके बाद दो नवंबर को अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक पत्र लिखकर दिल्ली आने का कार्यक्रम घोषित करने के लिए कहा था।
केजरीवाल ने मनोहर लाल को चुनौती दी थी कि वह दिल्ली में आकर अपनी मर्जी से किसी भी पांच मोहल्ला क्लीनिक का दौरा करें और वह हरियाणा में आकर अपनी मर्जी से पांच डिस्पैंसरी का दौरा करेंगे। मनोहर लाल द्वारा केजरीवाल के पत्र का कोई जवाब नहीं दिए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की सुबह अपने पत्र को अटैच करते हुए टवीट् किया।
जिसमें उन्होंने कहा कि खट्टर साहिब, आपके जवाब का इंतजार है। आप मोहल्ला क्लीनिक देखने के लिए कब आ रहे हैं। केजरीवाल ने कहा है कि 12 नवंबर आपके लिए ठीक है? मैं 12 तारीख को हरियाणा की डिस्पैंसरी देखने आऊं? अरविंद केजरीवाल ने इस टवीट् के बाद एक बार फिर से हरियाणा के स्कूल व अस्पताल का मुद्दा गरमाने लगा है। केजरीवाल ने टवीट् करके गेंद को पूरी तरह से मुख्यमंत्री के पाले में डाल दिया है।
सीएम ने किया मंथन और साधी चुप्पी
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौती को सार्वजनिक मंच से स्वीकार तो कर लिया लेकिन उन्हें इस बात का इल्म नहीं था कि केजरीवाल इस मुद्दे को लंबा खींच सकते हैं। केजरीवाल ने मनोहर लाल द्वारा चुनौती स्वीकार किए जाने के घटनाक्रम को गंभीरता से लिया और उन्हें अधिकारिक रूप से पत्र लिखकर दिल्ली आने का न्यौता दे डाला। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस विषय पर दीपावली से पहले अपनी टीम के साथ मंथन किया। जिन्होंने उन्हें इस विवाद में न पडऩे की सलाह दे डाली। जिसके चलते
मनोहर लाल चुनौती स्वीकार करने के बाद भी इस मुद्दे पर चुप हैं।
सच्चाई उजागर न हो इसलिए भाग रहे मनोहर:जयहिंद
आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आवेश में आकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौती को स्वीकार तो कर ली लेकिन वे अब पछता रहे हैं। क्योंकि हरियाणा में पिछले चार साल के दौरान अस्पतालों व डिस्पैंसरियों की हालत में लगातार गिरावट आई है। इस अवधि के दौरान दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक जहां समूचे देश की सरकारों के लिए रोल मॉडल बने हैं वहीं हरियाणा की डिस्पैंसरियों की हालत खराब है। हरियाणा के लोगों के सामने सरकार की सच्चाई उजागर न हो इसलिए मनोहर लाल दिल्ली के मुख्यमंत्री की चुनौती को स्वीकार करने के बावजूद मैदान से भाग रहे हैं।