नैनो यूरिया से संवरेगी फसल की सेहत, किसानों को मिलेगा अनुदान
कृषि विभाग ने तय किए लक्ष्य करौली. खेती की सेहत संवारने के लिए सरकार नैनो (तरल) यूरिया को बढ़ावा देने लिए किसानों को जागरूक कर रही है। यूं तो लंबे समय से फसल में दानेदार यूरिया का इस्तेमाल होता आ रहा है, लेकिन अब सरकार नैनो यूरिया को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हैं। जिसके प्रति किसानों का रुझान भी दिख रहा है। नैनो यूरिया पर लिए सरकार ने अनुदान देना सुनिश्चित किया है। कृषि विभाग ने इसके लिए लक्ष्य तय कर दिए हैं। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत नैनो यूरिया को बढ़ावा देने, फसल पर इ
नैनो यूरिया से संवरेगी फसल की सेहत, किसानों को मिलेगा अनुदान
नैनो यूरिया से संवरेगी फसल की सेहत, किसानों को मिलेगा अनुदान करौली. खेती की सेहत संवारने के लिए सरकार नैनो (तरल) यूरिया को बढ़ावा देने लिए किसानों को जागरूक कर रही है। यूं तो लंबे समय से फसल में दानेदार यूरिया का इस्तेमाल होता आ रहा है, लेकिन अब सरकार नैनो यूरिया को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हैं। जिसके प्रति किसानों का रुझान भी दिख रहा है। नैनो यूरिया पर लिए सरकार ने अनुदान देना सुनिश्चित किया है। कृषि विभाग ने इसके लिए लक्ष्य तय कर दिए हैं। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत नैनो यूरिया को बढ़ावा देने, फसल पर इसका बेहतर प्रभाव होने तथा किसानों को आर्थिक संबल देने के लिए अनुदान देना शुरू किया है। 75 प्रतिशत अनुदान निर्धारित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सरकार ने की ओर से नैनो यूरिया पर 75 प्रतिशत अथवा अधिकतम 1500 रुपए प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा। किसान ट्रैक्टर, माउन्टेड, बैट्री ऑपरेटर स्प्रेयर, ड्रोन के माध्यम से स्प्रे कर सकते हंै। फसल में दो बार ही नैनो यूरिया का स्प्रे करने पर ही विभाग की ओर से अनुदान दिया जाएगा। करौली जिले में 479 हैक्टेयर भूमि में नैनो यूरिया स्प्रे का लक्ष्य मिला है। कृषि पर्यवेक्षकों की ओर से जिओ ट्रैकिंग करने के बाद अनुदान मिलेगा। शेष राशि किसान को वहन करनी होगी। विभाग की ओर से सरसो, गेहूं व जौ की फसल पर ही अनुदान दिया जाएगा। छिड़काव क्लस्टर बना कर किया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर 10 हैक्टेयर का रहेगा। किसान को फसल में अधिकतम दो बार नैनो यूरिया का छिड़काव पर ही अनुदान दिया जाएगा। यह है फायदे नैनो यूरिया फसल के बेहतर विकास में फायदेमंद है। सामान्य यूरिया की तुलना में नैनो यूरिया के उपयोग से उत्पादन बढ़ता है। आधा लीटर नैनो यूरिया 50 किलो के यूरिया के बैग के बराबर काम करता है। नैनो यूरिया दाने वाले यूरिया से सस्ता पड़ता है। दानेदार यूरिया फसल में डालने पर उसका 30 से 40 प्रतिशत ही सही प्रकार से उपयोग हो पाता है, जबकि नैनो यूरिया तरल होने के कारण 85 प्रतिशत तक उपयोग हो जाता है। यह लक्ष्य निर्धारित करौली जिलें में कुल 479 हैक्टेयर में नैनो यूरिया के लक्ष्य तय किए गए हैं। जिसमें हिण्डौन, सूरौठ, महू, श्रीमहावीरजी, व खेड़ा में 29-29 हैक्टेयर में नैनो यूरिया स्प्रे के लक्ष्य कृषि विभाग ने तय किए हैं। इसी प्रकार करौली में 29, मासलपुर में 25, अटा में 29, कैलादेवी में 29 व रामपुर धाबई में 29 हैक्टेयर के लक्ष्य है। सपोटरा, चौड़ागांव, कुडग़ांव, हाडौती में 28-28 हैक्टेयर व मंडयल में 28, लांगरा में 25 व करणपुर में 28 हैक्टेयर के लक्ष्य तय किए गए हैं। इनका कहना है नैनो यूरिया फसल के लिए अधिक फायदेमंद है। इस पर सरकार की ओर से किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। जिसके लिए कृषि विभाग ने लक्ष्य तय कर दिए हैं। वीडी शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग करौली। केप्शन. करौली क्षेत्र के एक गांव में लहलहाती फसल।
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