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लाखों रुपए गए व्यर्थ, नहीं बुझी प्यास

locationकरौलीPublished: Jul 21, 2019 10:01:48 pm

Submitted by:

vinod sharma

जल योजना को चालू करने के लिए विभाग व ठेकेदार दोनों ही उदासीनता बरत रहे हैं। संवेदक राजकुमार मीना ने बताया कि वर्ष 2012 में करीब 25 लाख रुपए की स्वीकृति इस योजना के लिए दी थी। जल योजना को चालू कर दिया था। इसके बाद हमारी पांच साल की गारंटी समाप्त हो गई। अब विभाग की जिम्मेदारी है। इधर जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता रामलाल मीना का कहना है कि जल योजना अभी ठेकेदार की गारंटी अवधि में है। ठेकेदार की गारंटी अवधि समाप्त होने पर विभाग इस कार्य को देखेगा।

Millions of rupees worthless, no extinguished thirst

लाखों रुपए गए व्यर्थ, नहीं बुझी प्यास

-लापरवाही की भेंट चढ़ी एक दर्जन टंकियां
– जल योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
सपोटरा. डूडीपुरा व अडूदा गांव के लिए स्थापित पेयजल योजना का वर्षों बाद भी ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल रहा है। पानी के बिना टंकी सूखी पड़ी है। ग्राम पंचायत जोडली के डूडीपुरा व ग्राम पंचायत बड़ौदा गजराज पाल के अडूदा गांव के लिए 6 वर्ष पहले जलदाय विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्रामीण पेयजल की स्वीकृति जारी कर टंकी का निर्माण कराया था, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। ग्रामीण पेयजल योजना के तहत डूडीपुरा व अडूदा गांवों के बीच दो अलग-अलग नलकूप स्थापित कर ठेकेदार द्वारा अडूदा व डूडीपुरा गांवों में तीन-तीन पानी की टंकियां बनाकर टंकियों को जमीन के अंदर से प्लास्टिक की पाइप लाइन डालकर नलकूपों से जोड़ योजना को चालू कर दिया। लेकिन डूडीपुरा की एक टंकी के अलावा किसी भी टंकी में आज तक पानी नहीं पहुंचा। यह पानी भी दो- चार माह ही बंद हो गया।
एक-दूसरे पर टाला जिम्मा
जल योजना को चालू करने के लिए विभाग व ठेकेदार दोनों ही उदासीनता बरत रहे हैं। संवेदक राजकुमार मीना ने बताया कि वर्ष 2012 में करीब 25 लाख रुपए की स्वीकृति इस योजना के लिए दी थी। जल योजना को चालू कर दिया था। इसके बाद हमारी पांच साल की गारंटी समाप्त हो गई। अब विभाग की जिम्मेदारी है। इधर जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता रामलाल मीना का कहना है कि जल योजना अभी ठेकेदार की गारंटी अवधि में है। ठेकेदार की गारंटी अवधि समाप्त होने पर विभाग इस कार्य को देखेगा।
सरकारी खजाने को चपत
जल योजना का ग्रामीणों को लाभ मिला नहीं और इस पर आई लागत का सदुपयोग नहीं होने से सरकारी खजाने को लाखों रुपए की चपत लग गई। इसी तरह ग्राम जीरोता में जलदाय विभाग द्वारा 7 वर्ष पूर्व 37 लाख रुपए की लागत से जल योजना स्थापित की थी। जल योजना में जीरोता में झोंपड़ा, कांवटया, गोपीपुरा, टूकडा, गुरज्या मोहल्ले एवं बाबा रामदेव मंदिर के यहां सहित 6 टंकियां बना व दो नलकूप स्थापित कर जल योजना को चालू किया था। लेकिन अब तक भी टंकियों में पानी नहीं पहुंचा है। ठेकेदार ने प्लास्टिक के पाइपों से टंकियों में कनेक्शन किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही पाइप लाइन टूट गई, जिससे टंकियों तक पानी नहीं पहुंचा। ग्राम पंचायत बगीदा के फतेहपुर गांव में 15 लाख की लागत से तीन-चार टंकियां बनाई थी लेकिन बैरवा बस्ती की टंकी में एक बूंद भी पानी नहीं पहुंचा। तीसरी टंकी बनाने के बाद ही क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे पानी बह गया।ग्रामीणों का कहना है कि अब टंकियों की सारसंभाल करने वाला भी कोई नहीं है।

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