जिला प्रशासन ने आसपास के गांवों में लोगों को अलर्ट कर दिया है। वहीं एनडीआरएफ की टीम नदी किनारे रहकर पानी पर नजर रखे हुए है। रविवार दोपहर जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया व जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल ने नदी किनारे पहुंच जायजा लिया। जबकि जिला प्रभारी सचिव अश्वनी भगत शाम को करौली पहुंचे और बाढ़-राहत प्रबंधों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
टापू बना गांव
पानी से घिरे व टापू बने गांव टोडी व नयागांव के पास बूढीन मल्हापुरा पहुंचे और बचाव दल एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम को संसाधनों सहित तैनात कराया। जायजा लेने आए प्रशासनिक अधिकारियों को चम्बल नदी राजघाट से पहले बर्रेड गांव की पुलिया पर पानी अधिक आ जाने पर बचाव दल की वोट व स्टीमर के सहारे राजघाट व पानी से घिरे टोडी गांव पहुंचना पड़ा।
इधर बाढ़ की चपेट आ रहे टोड़ी गांव के ग्रामीणों को बाहर निकालने की मंशा को लेकर प्रशासन गांव में पहुंचा, लेेकिन, ग्रामीण अन्यत्र जाने को राजी नहीं हुए। जिससे प्रशासन बैरग लौट आया। जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया, जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल, एसडीएम रामचन्द्र मीना टोडी गांव पहुंचे और ग्रामीणों को अन्यत्र शिफ्ट होने की बात कही, लेकिन ग्रामीण अन्य जगह जाने को राजी नहीं हुए।
ग्रामीणों का कहना था कि सभी के लिए सुरक्षित स्थान पर भूमि आवंटित कर पट्टे जारी नहीं करेंगे तब तक वह गांव नहीं छोडेंगे। वहीं करणपुर मंडरायल सड़क मार्ग व करणपुर बालेर सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है