चंबल पेयजल परियोजना : नहीं रूक रही पानी की बर्बादी, पेयजल के लिए तरसते लोग
चंबल परियोजना पाइप लाइन के रखरखाव का अभाव नादौती. राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर सवाई माधोपुर नादौती चंबल पेयजल परियोजना के तहत लोगों को जल उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की थी। लेकिन इसकी पाइप लाइन का रखरखाव व सुरक्षा के लिए पिछले पांच साल से विभाग ने कोई ठोस योजना तैयार नहीं की है। जिससे पाइप लाइन से जगह-जगह अवैध कनेक्शन हो रहे हैं। कहीं पानी व्यर्थ बह रहा है। लाखों लीटर पानी की रोजाना बर्बाद हो रही है और आमजन पानी के लिए तरस रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को आमजन की समस्या से कोई सरोकार नहीं है
चंबल पेयजल परियोजना : नहीं रूक रही पानी की बर्बादी, पेयजल के लिए तरसते लोग
नहीं रूक रही पानी की बर्बादी, पेयजल के लिए तरसते लोग चंबल परियोजना पाइप लाइन के रखरखाव का अभाव नादौती. राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर सवाई माधोपुर नादौती चंबल पेयजल परियोजना के तहत लोगों को जल उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की थी। लेकिन इसकी पाइप लाइन का रखरखाव व सुरक्षा के लिए पिछले पांच साल से विभाग ने कोई ठोस योजना तैयार नहीं की है। जिससे पाइप लाइन से जगह-जगह अवैध कनेक्शन हो रहे हैं। कहीं पानी व्यर्थ बह रहा है। लाखों लीटर पानी की रोजाना बर्बाद हो रही है और आमजन पानी के लिए तरस रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को आमजन की समस्या से कोई सरोकार नहीं है ना ही सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना के सुचारु संचालन के प्रयास करने की फिक्र। पेयजल समस्या से ग्रस्त मॉड क्षेत्र के गांवों के लिए भागीरथी कही जाने वाली सवाई माधोपुर नादौती चंबल पेयजल परियोजना की पाइप लाइन के रख रखाव का कोई मापदण्ड तय नहीं किया है। जिसकी वजह से मण्डरायल से करौली व करौली से गंगापुर व नादौती के मध्य लाखों लीटर पानी क्षतिग्रस्त पाइप लाइन व ऐयर बाल्व आदि से निकल कर व्यर्थ बह रहा है। पंप गृह तक नहीं पहुंच रहा पानी मण्डरायल से करौली गदका की चौकी के मध्य करीब पैंतीस किलोमीटर की दूरी के मध्य प्रत्येक किलोमीटर पर लगे अधिकांश ऐयर बॉल्वों से लोग अवैध रूप से पानी ले रहे हैं। जिसकी वजह से पानी का सही प्रेशर नहीं बनने से वह पंप गृह सोप, नादौती आदि में नहीं पहुंच पा रहा है। परियोजना के तहत मण्डरायल से करौली तक करीब पैंतीस किलोमीटर की दूरी के बीच प्रत्येक किलोमीटर पर पाइप लाइन पर ऐयर बॉल्व लगे हुए है। जिसमें अधिकांश बॉल्वों के नट बोल्ट खोल कर अवैध रूप से पानी का दोहन निकाला जा रहा है। बताया जाता है कि इस बीच चैनापुरा, खाना की चौकी आदि स्थानों पर बॉल्वों से पानी निकालने की हालत बदतर है। सिंचाई भी कर रहे लोग वर्तमान में कई लोग रास्ते में लोगों की ओर से बॉल्वों से पानी निकाल कर अवैध रूप से फसल की सिंचाई की जा रही है। मण्डरायल से गंगापुर, करौली से नादौती तक ऐयर बॉल्व लगे हुए है। जिसमें वजीरपुर उपखण्ड के पिलौदा व वजीरपुर गांव में लोगों की ओर से कई अवैध नल कनेक्शन कर लिए हैं। यही नहीं पिलौदा में लगे अधिकांश नलों का पानी चौबीसों घंटे बेकार बहता रहता है। जिसकी वजह से पिलौदा गांव में इसके आसपास वजीरपुर व स्टेशन को जाने वाली सड़क जर्जर हाल हो गई है। रोजाना हो रही पानी की बर्बादी प्रतिदिन दो से ढाई एमएलडी पानी बर्बाद हो रहा है। जिसकी वजह से लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2018 में चालू हुई उक्त परियोजना विभाग के संवेदनहीन रवैये के चलते अभी तक आमजन के लिए पूरी तरह लाभदायक साबित नहीं हुई है। खास बात ये है कि अवैध कनेक्शन करने वालों का पौ बारह हो रही है। यही हालत रही तो आगामी समय में गर्मी में हालात खराब होंगे। इनका कहना है यह समस्या मेरे संज्ञान में आई है। इस दिशा में शीघ्र ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। महेश जांगिड़, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीएचईडी प्रोजक्ट रीजन भरतपुर। फोटो केप्सन- सवाईमाधोपुर नादौती चंबल पेयजल परियोजना के तहत मण्डरायल से करौली के बीच ऐयर बॉल्व से बेकार बहता पानी।
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