थानाप्रभारी शरीफ अली ने बताया कि मृतका बन्नोदेवी जाटव (22) गौतम जाटव है। जिसकी शादी वर्ष २००२ में तीन बडी बहनों के साथ हुई थी। जबकि गौना 2014 में हुआ। उसका पति गौतम केरल में व ससुर पदमसिंह दिल्ली में मजदूरी करने गए हुए हैं। परिवार में बन्नो के अलावा उसकी सास राजोदेवी व देवर गोविन्द और सुबोध थे। परिजनों के मुताबिक बन्नो सुबह करीब छह बजे नींद से जगी और शौच आदि से निवृत होकर फिर से कमरे में चली गई। काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं आने पर सास ने दरवाजे पर दस्तक की तो अंदर से कुंडी लगी हुई थी।
इस पर परिजनों ने खिडक़ी से झांक कर देखा तो बन्नो छत पर पंखे के कुंदे में साडी के बने फंदे पर लटकी हुई थी। शोर मचाने पर एकत्रित हुए लोग दरवाजा तोडक़र अंदर घुसे और पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतार पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया। सूचना पर देहमोली गांव से पीहर पक्ष के लोग भी चिकित्सालय पहुंच गए। जहां तहसीलदार की मौजूदगी में मेडीकल बोर्ड में शामिल डॉ. जेपी मीणा, डॉ. रामराज मीणा व डॉ. रामनरेश कुंभकार ने शव पोस्टमार्टम किया।
पति ने भेजे थे रुपए और मोबाइल
परिजनों ने बताया कि केरल में मजदूरी कर रहे मृतका का पति गौतम आर्थिक तंगी के चलते दीपावली पर घर आने से मना कर रहा था। उसने एक दिन पहले केरल से ही साथी मजदूरों के हाथ पत्नी के लिए पांच हजार रुपए, मोबाइल व खान-पान का सामान भिजवाया था। लेकिन ऐसा क्या हो गया, जिस कारण बन्नो ने मौत को गले लगा लिया? यह सवाल हर किसी के मन में बार-बार कौंध रहा था।