खेती में ड्रोन का कर रहे उपयोग, किसानों को रास आई तकनीक
यूरिया व कीटनाशक का मिनटों में होता छिड़काव करौली. जिले के माड़ क्षेत्र में खेतीबाड़ी में किसान आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। जिससे न केवल समय की बचत हो रही है वहीं फसलों की पैदावार भी बेहतर रूप से करने में मदद मिल रही है। अब कीटनाशक दवाओं, यूरिया आदि का छिड़काव किसान आधुनीक तकनीकी से कर रहे हैं। इसके लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। जिससे किसानों को कोई शारीरिक नुकसान भी नहीं होता। वहीं खेत के हर कोने-कोने में दवा का छिड़काव हो जाता है। जिससे कीट लगने की कोई गुजाईश नहीं रहती। समय की हो
खेती में ड्रोन का कर रहे उपयोग, किसानों को रास आई तकनीक
खेती में ड्रोन का कर रहे उपयोग, किसानों को रास आई तकनीक यूरिया व कीटनाशक का मिनटों में होता छिड़काव करौली. जिले के माड़ क्षेत्र में खेतीबाड़ी में किसान आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। जिससे न केवल समय की बचत हो रही है वहीं फसलों की पैदावार भी बेहतर रूप से करने में मदद मिल रही है। अब कीटनाशक दवाओं, यूरिया आदि का छिड़काव किसान आधुनीक तकनीकी से कर रहे हैं। इसके लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। जिससे किसानों को कोई शारीरिक नुकसान भी नहीं होता। वहीं खेत के हर कोने-कोने में दवा का छिड़काव हो जाता है। जिससे कीट लगने की कोई गुजाईश नहीं रहती। समय की होती बचत, मेहनत भी लगती कम किसानों को पहले कीटनाशक दवा का छिड़काव पंप को पीठ पर लादकर खेत के कोने कोने में जाकर करना पड़ता था। जिससे काफी समय लग जाता था। कीटनाशक दवा के श्वासं के जरीए शरीर में जाने से शारीरिक नुकसान भी होता था, लेकिन अब ड्रोन ने दवा के छिड़काव के कार्य को बहुत आसान कर दिया है। मात्र दस मिनट में ही करीब एक एकड़ भूमि में ड्रोन से दवा का छिड़काव किया जा सकता है। एक एकड़ में दस मिनट का लगता समय ड्रोन से खेतों में दवा सहित यूरिया आदि का छिड़काव करने की तकनीकी किसानों को बहुत रास आ रही है। ढहरिया, रिगसपुरा, गोट्याकापुरा, सलावद, बरदाला आदि गांव के किसानों ने बताया कि अब 1 एकड़ भूमि में नैनो यूरिया व डीएपी का छिड़काव करने में 10 मिनट लग रहे हैं। किसानों को मेहनत भी अधिक नहीं करनी पड़ती। जमीन भी उपजाऊ होती है। दवा और खाद का पूरी तरह उपयोग हो जाता है। यह व्यर्थ नहीं जाती है। ड्रोन द्वारा जिस खेत में दवा का छिड़काव करना है उसका नक्शा बनाने के लिए उसके अनुसार ही ऑफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा खेत की सीमा के बाहर भी छिड़काव नहीं होता। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार नैनो यूरिया कृषि के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे उत्पादन भी बढ़ता है और ड्रोन के माध्यम से आसानी से छिड़काव किया जा सकता है। इनका कहना है नैनो यूरिया फसल के लिए बहुत ही लाभदायक है। इससे उत्पादन बढऩे के साथ किसानों को मेहनत भी कम लगती है। कैलाश चंद्रवाल, सहायक कृषि अधिकारी।
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