मशीन के अंदर घुसा सिलेंडर-
हैलट स्थित लाइफलाइन नाम से एक एक्सरे सेंटर चलता है, जो पीपीडी मॉडल पर संचालित होने वाला सेंटर हैं। यहां पर इलाज के लिए मरीजों का एमआरआई किया जाता है। देर रात राजेश नाम का मरीज एमआरआई करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ पहुंचा। एक्सरे सेंटर पर उस वक्त कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। राजेश को कर्मचारियों ने मशीन के पास लिटा दिया। इसके बाद मशीन को चालू कर दिया गया। मशीन के शुरू होते ही उसकी मैग्नेटिक फील्ड एक्टिव हो गई। जिसके बाद सिलेंडर धीरे-धीरे मशीन की तरफ पहुंचने लगा। जब तक कर्मचारी कुछ समझ पाते अचानक ऑक्सीजन सिलेंडर हवा में उड़ने लगा और तेज धमाके के साथ शार्ट सर्किट हो गया।
हैलट स्थित लाइफलाइन नाम से एक एक्सरे सेंटर चलता है, जो पीपीडी मॉडल पर संचालित होने वाला सेंटर हैं। यहां पर इलाज के लिए मरीजों का एमआरआई किया जाता है। देर रात राजेश नाम का मरीज एमआरआई करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ पहुंचा। एक्सरे सेंटर पर उस वक्त कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। राजेश को कर्मचारियों ने मशीन के पास लिटा दिया। इसके बाद मशीन को चालू कर दिया गया। मशीन के शुरू होते ही उसकी मैग्नेटिक फील्ड एक्टिव हो गई। जिसके बाद सिलेंडर धीरे-धीरे मशीन की तरफ पहुंचने लगा। जब तक कर्मचारी कुछ समझ पाते अचानक ऑक्सीजन सिलेंडर हवा में उड़ने लगा और तेज धमाके के साथ शार्ट सर्किट हो गया।
बिजली के तारों में लगी आग, मची अफरा-तफरी-
एक्सरे मशीन में ब्लास्ट होने के बाद अफरा-तफरा मच गई। कर्मचारियों ने मरीजों और उनके साथ आए तीमारदार को बाहर निकाला और किसी तरह से आग बुझाई। एक्सरे रूम में रात को करीब आधा दर्जन मरीज और एक दर्जन अन्य लोग मौजूद थे। कर्मचारियों की सूचना पर एक्सरे संचालक मौके पर पहुंचा और मरीज का एमआरआई के साथ प्राथमिक इलाज के बाद उसे घर भेज दिया। कर्मचारी एक्सरे रूम में ताला जड़ कर भाग खड़े हुए। ग्वालटोली से एमआरआई कराने के लिए आए रज्जाक ने बताया कि धमाके के बाद मशीन क्षतिग्रस्त हो गई थी। लोग जान बचाकर इधर-धर भागे।
एक्सरे मशीन में ब्लास्ट होने के बाद अफरा-तफरा मच गई। कर्मचारियों ने मरीजों और उनके साथ आए तीमारदार को बाहर निकाला और किसी तरह से आग बुझाई। एक्सरे रूम में रात को करीब आधा दर्जन मरीज और एक दर्जन अन्य लोग मौजूद थे। कर्मचारियों की सूचना पर एक्सरे संचालक मौके पर पहुंचा और मरीज का एमआरआई के साथ प्राथमिक इलाज के बाद उसे घर भेज दिया। कर्मचारी एक्सरे रूम में ताला जड़ कर भाग खड़े हुए। ग्वालटोली से एमआरआई कराने के लिए आए रज्जाक ने बताया कि धमाके के बाद मशीन क्षतिग्रस्त हो गई थी। लोग जान बचाकर इधर-धर भागे।
कर्मचारी करते हैं मरीजों की जांच-
हैलट के लाइफलाइन एक्सरे सेंटर में एमआरआई सहित कई जांचे की जाती है, लेकिन यहां पर जांच करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं हैं। कर्मचारी और टेकनीशियन मरीजों का एमआरआई करते हैं। रज्जाक ने बताया कि पूरा पैसा लेने के बाद भी हमारा एक्सरे नहीं किया गया। अगर विषेशज्ञ डॉक्टर जांच करते तो यह हादसा नहीं हो सकता था। रात में कर्मचारी नशे की हालात में मरीजों के साथ खिलवाड़ करते हैं। जब इस प्रकरण पर हैलट के प्रिंसिपल से बता करनी चाही तो उनका कहना था कि हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
हैलट के लाइफलाइन एक्सरे सेंटर में एमआरआई सहित कई जांचे की जाती है, लेकिन यहां पर जांच करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं हैं। कर्मचारी और टेकनीशियन मरीजों का एमआरआई करते हैं। रज्जाक ने बताया कि पूरा पैसा लेने के बाद भी हमारा एक्सरे नहीं किया गया। अगर विषेशज्ञ डॉक्टर जांच करते तो यह हादसा नहीं हो सकता था। रात में कर्मचारी नशे की हालात में मरीजों के साथ खिलवाड़ करते हैं। जब इस प्रकरण पर हैलट के प्रिंसिपल से बता करनी चाही तो उनका कहना था कि हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।