script

130 हेक्टेअर में यूपीएसआईडीसी बनाएगा मेगा लेदर क्लस्टर

locationकानपुरPublished: Sep 25, 2018 01:30:42 pm

बिधनू स्थित सेन पूरबपारा गांव में प्रस्तावित मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए जमीनों के अधिग्रहण की तैयारी लगभग शुरू कर दी गई है. इस क्रम में जानकारी मिली है कि यूपीएसआईडीसी 130 हेक्टेअर में मेगा लेदर क्लस्टर बनाएगा.

Kanpur

130 हेक्टेअर में यूपीएसआईडीसी बनाएगा मेगा लेदर क्लस्टर

कानपुर। बिधनू स्थित सेन पूरबपारा गांव में प्रस्तावित मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए जमीनों के अधिग्रहण की तैयारी लगभग शुरू कर दी गई है. इस क्रम में जानकारी मिली है कि यूपीएसआईडीसी 130 हेक्टेअर में मेगा लेदर क्लस्टर बनाएगा. इसमें 64 हेक्टेअर जमीन किसानों से अधिग्रहित की जाएगी और बाकी 66 हेक्टेअर जमीन ग्राम समाज की है. इसको पुनर्ग्रहण किया जाएगा. वहीं यूपीएसआईडीसी ने किसानों से जमीन की कीमत को लेकर बातचीत भी करनी शुरू कर दी है. कीमतें फाइनल होते ही अधिग्रहण की प्रक्रिया जिला प्रशासन की ओर से शुरू कर दी जाएगी.
ऐसी मिली है जानकारी
प्राप्‍त जानकारी के अनुसार गांव में 130 हेक्टेयर में लेदर क्लस्टर की स्थापना की जानी है. इस प्रोजेक्ट को स्थापित करने में 848 करोड़ रुपए से खर्च होने हैं. इसमें से 125 करोड़ रुपए वाणिज्य मंत्रालय की ओर से यूपीएसआईडीसी को दिया जाएगा. क्लस्टर स्थापित होने के बाद यह कोशिश की जाएगी कि जाजमऊ की टेनरियां वहां शिफ्ट हो जाएं.
सीएम ने दिया आदेश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी जल्द से जल्द किसानों की भूमि का बैनामा कराने और ग्राम समाज की भूमि का पुनर्ग्रहण करने का आदेश दिया है. ऐसे में अब तेजी आई है और डीएम विजय विश्वास पंत ने एडीएम वित्त संजय चौहान, यूपीएसआईडीसी के चीफ इंजीनियर एससी मिश्रा के साथ बैठक कर मुआवजा निर्धारण पर चर्चा की. ग्राम समाज की भूमि लेने के लिए अब सर्किल रेट का 4 गुना नहीं देना है. सिर्फ सर्किल रेट के समान ही राशि देनी है. यही वजह है कि डीएम ने प्रबंधन से कहा है कि वे धनराशि जमा करें ताकि प्रक्रिया आगे बढ़े.
ऐसा है ये प्रोजेक्‍ट
इस प्रोजेक्‍ट के तहत करीब 150 एकड़ जमीन पर टेनरियां स्थापित होंगी. इसमें से 60 एकड़ जमीन पर ग्रीन बेल्ट, रोड आदि बनेगी. इसके अलावा 37.5 एकड़ में कॉमन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा. इतना ही नहीं, 7.5 एकड़ में ट्रीटमेंट प्लांट से शोधन के बाद निकलने वाली स्लज रखी जाएगी. इसके बाद 41.25 एकड़ में मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा.

ट्रेंडिंग वीडियो