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कानपुर

AK-47 राइफल के इंतजार में बैठे थे हिजबुल के टेरिस्ट, मुम्बई-बेंगलुरू से भी खतरनाक हमले की थी साजिश

आतंकी कमरुज्जमा ने पूछताछ में सनसनीखेज जानकारी देकर एटीएस-पुलिस की बढ़ाई टेंशन, दो संदिग्धों को दबोचने के लिए जारी है ऑपरेशन

कानपुरSep 17, 2018 / 01:23 pm

Vinod Nigam

up ats arrested hizbul mujahideen terrorist from kanpur in update

एक-47 राइफल के इंतजार में बैठे थे हिजबुल के टेरिस्ट, मुम्बई-बेंगलुरू से भी खतरनाक हमले की थी साजिश

कानपुर। चकेरी से पकड़ा गया हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी कमरुज्जमा उर्फ डॉक्टर हुरैरा के इरादे बहुत खतरनाक थे। उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर कानपुर को दहलाने की बड़ी साजिश रची थी। एटीएस की पूछताछ के दौरान आतंकी ने कई खुलाशे कर खुफिया एसेजिंयों की टेंशन बढ़ा दी है। जिस तरह से 2005 में बेंगलुरू के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के साथ ही मुम्बई में ताबड़तोड़ फायरिंग कर आतंकी घटना को अंजाम दिया था, उसी तरह घंटाघर स्थित गणेश मंदिर में हमला करने का टारगेट आतंकियों को दिया गया था। इसबार हिजबुल अतंकी कमरुज्जमा के सरगानाओं ने विस्फोट पदार्थ इस्तेमाल करने से मना किया था। यही वजह थी की राइफलें ज्यादा संख्या में मंगवाई जा रही थीं।

घंटाघर स्थित गणेश मंदिर था निशाने पर
चकेरी के शिवनगर स्थिम उज्यारी लाल यादव के मकान में तीन युवक किराए के कमरे में रहते थे। यूपी एटीएस की टीम ने रात में छापा मारकर यहां से हिजबुल के आतंकवादी कमरुज्जमा उर्फ डॉक्टर हुरैरा को गिरफ्तार कर लखनऊ ले गई। जहां आतंकी ने पूछताछ के दौरान कई राज उगले। वो अपने साथियों के साथ शहर के घंटाघर स्थित गणेश मंदिर में बड़े आतंकी हमलें की सजिश रच रहा था। कमरुज्जमा के मोबाइल में कलेक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर की वीडियो क्लिप मिली। इसी के बाद उसने इस फोटो के बारे में एटीएस को जानकारी दी। आतंकवादी कानपुर में बड़ा आतंकी हमला करना चाहते थे। पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं ने इसबार विस्फोट के बजाए बेंगलूरू और मुम्बई की तर्ज पर आतंकी वारदात को अंजाम देने का फरमान सुनाया था। इसी के चलते आतंकी राइफलों की खेप का इंजतार कर रहे थे और पकड़े गए।

..तो कानपुर आ जाती राइफलें
एटीएस आतंकवादी से लगातार पूछताछ कर रही है और उसने कई राज से पर्दा भी उठाया है। सूत्रों की मानें तो आतंकी ने एटीएस के अधिकारियों को बताया कि अरग 13 सितंबर को गिरफ्तारी नहीं होती तो अगले दिन राइफलें कानपुर पहुंच जाती। एटीएस ने आतंकी से खेप लाने वालों के नाम पूछे जिस पर वो चुप्पी साध गया। बतादें असम के जमुनामुख, होजाई के सराक पिली गांव निवासी कमरुज्जमा को यूपी एटीएस ने 13 सितंबर को चकेरी के शिवनगर स्थित उजियारी लाल यादव के मकान से गिरफ्तार किया था। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कमरुज्जमा को हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी बताया था। यह भी कहा था कि कमरुज्जमा कानपुर में आतंकी घटना को अंजाम देने के मकसद से ठहरा था।

एटीएस का ऑपरेशन जारी
कमरुज्जमां के फरार साथियों की तलाश में एटीएस और खुफिया टीमों ने पनकी व कल्याणपुर के दीनदयाल नगर में दबिश दी। हालांकि दोनों ही जगह कोई मिला नहीं। पांच गाडिय़ों में पहुंची टीम दीनदयाल नगर में एमआइजी कालोनी पहुंची तो इलाके के लोग भी सहम गए। इस दौरान टीम ने किसी से बात नहीं की और थोड़ी देर बाद लौट गई। खुफिया टीमों के रोडवेज बस अड्डा व रेलवे स्टेशन पर कड़ी सतर्कता बढ़ाने से आशंका है कि कमरुज्जमां के फरार साथी यहां भी छिपे हो सकते हैं। वही आतंकी कमरुज्जमा के दो साथियों की तलाश में एटीए की टीम पहले कानपुर से सीधे इलाहाबाद पहुंची। एटीएस को शक है कि कानपुर से तीन दिन पहले निकले कमरुज्जमा के दोस्त इलाहाबाद में रहने वाले एक करीबी से मिलने वाले थे। सोशल मीडिया पर कमरुज्जमा से संपर्क में रहे लोगों में इलाहाबाद के लोग भी हैं। यहां कुंभ की तैयारी चल रही है, ऐसे में एटीएस ने जांच के दायरे में इलाहाबाद को टॉप पर रखा है।

छह लोग हुए गिरफ्तार
यूपी एटीएस को कमरुज्जमा के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालने पर कुछ और मददगारों की जानकारी हुई है। इस जानकारी को एटीएस लगातार असम पुलिस से शेयर कर रही थी। इसके आधार पर शनिवार को असम की हौजाई पुलिस ने उमर फारुख, सईदुल इस्लाम और शाह आलम को पकड़ा था। अब रविवार को कमरुज्जमा के भाई सैफुल इस्लाम को भी दबोच लिया। ये सभी आरोपी किसी न किसी तरह से आतंकी के मददगार रहे हैं। वहीं मामले पर एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि थानेदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बीट सिपाहियों के जरिए सभी मकान मालिकों को सूचना भिजवाएं कि किराएदारों का सत्यापन करें। किरायेदारों के आधार, राशन कार्ड आदि जरूरी दस्तावेजों की फोटोकॉपी लाकर थाने में जमा करें। अगर किसी ने सत्यापन नहीं कराया और किरायेदार के आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का पता लगा तो मकान मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

दहशत में है स्थानीय लोग
चकेरी के शिवनगर से संदिग्ध आतंकवादी कमरूज्जमां की गिरफ्तारी के बाद लोग दहशत में हैं। अभी तक यहां रहने वालों की आंखों में भय देखा जा सकता है। आतंकी के साथ कमरे में रह रहे दो साथी खुद को लेदर चप्पल का व्यापारी बताते थे। किरायेदारों ने पुलिस को यह जानकारी दी। दोनों युवक कौन थे? एजेंसियां अभी तक इसकी जानकारी नहीं जुटा सकी हैं। पुलिस अधिकारी भी आसपास क्षेत्र में सघन पूछताछ करके उनके बारे में पता कर रहे हैं और मुखबिरों को भी सक्रिय कर दिया है। कमरुज्जमां जिस कमरे में रहता था। वहां पूर्व में एक व्यक्ति केवल चार दिन रहा था। कमरा लेने के बाद वह नागपुर जाने की बात कहकर गया था फिर लौटा ही नहीं। इसके बाद ही कमरुज्जमां रहने आ गया। आशंका है कि पहले रहा युवक भी कमरुज्जमां का साथी हो सकता है। इसके बाद दो युवक और रहने आ गए। किरायेदारों ने उनसे बात की तो कहा कि चप्पल का व्यवसाय करते हैं।

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